नई दिल्ली।
राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को विभिन्न स्थानों पर पुलिस के सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ते हुए किसानों ने भारी उत्पात मचाया। पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई, मीडिया कर्मियों पर हमला और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया।किसानों के हमले से 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिसमें एक की हालत गंभीर बनी है। गाजीपुर की तरफ से आ रहे किसान दिल्ली के आरटीओ इलाके तक पहुंच गए वहीं सिंधु बॉर्डर से आ रहे किसान बुरारी और जहांगीरपुरी तक आ गए। जबकि टिकरी बॉर्डर से आए किसानों ने नागलोई पर बैरिकेड तोड़ रोहतक रोड की तरफ बढ़ गए। यहां पुलिस के वाटर कैनन वाहन को तोड़ डाला।
हालांकि पुलिस ने किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए तीन रूट दिए थे। पर वे अलग-अलग रूट से हटकर रैली निकालने चल पड़े थे। किसानों ने पुलिस से हाथापाई करते हुए पथराव भी किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बड़ा संयम बरता। किसानों के उपद्रव के दौरान किसान नेता गायब रहे। दोपहर 1:00 बजे के बाद आरटीओ की ओर से उग्र किसानों का जत्था लाल किले की तरफ ट्रैक्टर मोड़ दिए। उपद्रवी किसानों ने ऐतिहासिक लाल किले से तिरंगा उतार कर एक धर्म विशेष का झंडा लगाकर गणतंत्र का भी अपमान किया। यहां उन्होंने तलवारे भी भांजी।
किसानों के उपद्रव को रोकने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के घर पर अधिकारियों की बैठक में ताजा हालात को नियंत्रण में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजने का फैसला किया गया है। इसके लिए सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। जबकि कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा देर रात 12:00 बजे तक बंद कर दिया गया है। माना जा रहा है किसान नेताओं और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने उपद्रव से खुद को अलग कर लिया है । मोर्चा ने कहा कि लंबे संघर्ष के कारण इस तरह की परिस्थितियां पैदा हुई है। मोर्चा ने किसानों से राष्ट्रीय प्रतीकों और गरिमा का नुकसान पहुंचाने और हिंसा से जुड़ी गतिविधियों से दूर रहने की अपील की है