भोपाल।
राज्य की शिवराज कैबिनेट ने शनिवार को लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वतंत्रय अधिनियम के प्रस्तावित मसौदे को मंजूरी दे दी है। अब इसे 28 दिसंबर से शुरू होने वाली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में अधिनियम को मंजूरी मिलने के बाद राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में लागू होने वाला यह कानून दूसरे राज्यों से अलग होगा। गृहमंत्री ने बताया कि विधानसभा में विधेयक पारित होने पर 1968 वाला धर्म स्वतंत्र कानून समाप्त हो जाएगा। नया कानून अस्तित्व में आने के बाद कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा कपट पूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उसका धर्म परिवर्तन नहीं कर सकेगा।
अधिनियम का उल्लंघन करने पर 3 साल से 10 साल तक का कारावास और 50,000 अर्थदंड
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अधिनियम का उल्लंघन करने पर 3 साल से 10 साल तक का कारावास और 50,000 अर्थदंड एवं सामूहिक धर्म परिवर्तन का प्रयास करने पर 5 से 10 साल का कारावास और एक लाख का अर्थदंड लगाया जाएगा। जबकि नाबालिक, महिला, एससी एसटी के मामले में 2 से 10 साल तक कारावास और कम से कम ₹50 हजार का अर्थदंड का प्रावधान है। मंत्री मिश्रा ने बताया कि धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं। नए अधिनियम में धर्म परिवर्तन के आशय से किया गया विवाह को शून्य घोषित करने व उसके बच्चों को भरण-पोषण का हकदार बनाने का प्रावधान किया गया है ।