मंईयां सम्मान योजना के तहत 5.46 लाख बहन-बेटियों को अपात्र ठहराने के निर्णय पर गहरी नाराज़गी

Ranchi News: भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज़ ने झारखंड सरकार की ओर से मंईयां सम्मान योजना के तहत 5.46 लाख बहन-बेटियों को अपात्र ठहराने के निर्णय पर गहरी नाराज़गी जताई है। सोमवार को उन्होंने कहा कि यह निर्णय हेमंत सोरेन सरकार की दोहरी नीति और वोट बैंक राजनीति का स्पष्ट प्रमाण है, जिसने पहले इन गरीब बहन-बेटियों को योजना में शामिल कर वोट बटोरे और अब चुनाव बाद उन्हें अपात्र बताकर अपमानित किया जा रहा है।
राफिया ने प्रश्न उठाया कि क्या यह एक राजनीतिक षड्यंत्र नहीं है, जिसमें हेमंत सोरेन सरकार ने इन गरीब बहन-बेटियों को सिर्फ वोट बैंक की भेंट चढ़ाया और चुनाव के पश्चात अपात्र घोषित कर उनका अपमान किया? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक भी बहन-बेटी से योजना की राशि वसूल की गई तो भारतीय जनता पार्टी बहन-बेटियों का अपमान क़तई बर्दाश्त नहीं करेगी।
राफिया ने कहा कि हेमंत सरकार पैसे देकर वोट लेती है, लेकिन फिर सत्ता में आने के बाद वसूली करती है। यही इनका असली चरित्र है। उन्होंने कहा कि मार्च 2025 तक आधार लिंकिंग और दस्तावेजी सत्यापन के नाम पर केवल 37.55 लाख बहन-बेटियों को ही स्थायी रूप से लाभ मिला, लेकिन अब अचानक 5.46 लाख को अपात्र कहकर सूची से हटाया जा रहा है। इतना ही नहीं अब सरकार उनसे वसूली की भी बात कर रही है, तो मुख्यमंत्री यह बताएं कि बहन-बेटियां क्या लोन लेकर आपको राशि लौटाएंगी? या फिर आप बहनों-बेटियों को ऋणी बनाने के लिए अग्रसर हैं?
राफिया ने कहा कि अगर ये बहन-बेटियां वास्तव में अपात्र थीं, तो उन्हें डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से राशि क्यों दी गई? क्या यह योजना नहीं, बल्कि धोखा था? उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से पूछा कि क्या बहन-बेटियां अब ऋण लेकर सरकार को पैसा लौटाएंगी? क्या उन्हें ऋणी बनाकर अपमानित करने की तैयारी है?
बीजेपी प्रवक्ता ने याद दिलाया कि कल्पना सोरेन ने वादा किया था कि झारखंड की हर बहन-बेटी को सम्मान राशि मिलेगी, कोई वंचित नहीं रहेगाा। लेकिन आज यही सरकार अपने वादों से पलट रही है। हेमंत सरकार का यह दोहरा मापदंड यह साबित करता है कि उन्होंने कभी बहन-बेटियों का वास्तविक भला नहीं चाहा, वे केवल चुनावी वोट बैंक थीं। क्या इन्हें वोट बैंक मानकर ही सम्मान राशि दी गई थी?
राफिया ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता हमेशा बहन-बेटियां रही हैं, क्योंकि एक सशक्त नारी ही एक सशक्त परिवार की नींव होती है। परन्तु झारखंड सरकार ने माताओं-बहनों-बेटियों की ममता को राजनीति की बर्बरता से कुचल डाला है। इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उन बहन-बेटियों की वो दास्तां कभी नहीं भूल सकते, जो अपनी पगडंडियों पर फटी चप्पल पहनकर सम्मान राशि के इंतज़ार में कतारों में खड़ी रहीं। इस व्यवस्था ने उनका सिर झुका दिया है, लेकिन भाजपा उनकी गरिमा का पुनरुद्धार करेगी। मंईयां सम्मान योजना के तहत दी गयी राशि वसूली की गई तो हम सड़क से सदन तक अपनी बहन-बेटियों की आवाज़ को बुलंद करेंगे।