Ranchi News:- राजधानी रांची में युद्ध के समय किसी भी आपात स्थित से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गयी। बुधवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और पुलिस उपमहानिरीक्षक सह वरीय पुलिस अधीक्षक चन्दन कुमार सिन्हा के नेतृव में मॉक ड्रिल की गयी। मॉक ड्रिल में रांची पुलिस के विभिन्न विंग, कई थानों के थानेदार, पीसीआर के साथ-साथ 200 से ज्यादा ने भाग लिया।

मेकॉन को बनाया गया केंद्र
युद्ध के दौरान अगर शत्रु राष्ट्र हवाई हमला करे वैसी परिस्थिति में पुलिस को कैसे काम करना यह मॉक ड्रिल के जरिए दर्शाया गया। मॉक ड्रिल के लिए मेकॉन को केंद्र बनाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान अचानक हवाई हमले को लेकर चेतावनी सायरन बजा, जिसके बाद पुलिस हाई अलर्ट पर आ गई। आनन-फानन में डीआईजी सह एससपी रांची चन्दन कुमार सिन्हा ने अपनी पूरी टीम के साथ मेकॉन की घेराबंदी शुरू कर दी।
मौके पर एनडीआरएफ सहित कई टीमों को राहत और बचाव कार्य मे लगाया गया। हमले की वजह से जो लोग घायल हुए उन्हें बिल्डिंग से निकाला गया, वहीं जो लोग घायल हुए उन्हें एम्बुलेंस के जरिये नजदीक के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। इस दौरान जहां-जहां आग लगी थी उसे अग्निशमन विभाग के दस्ते की ओर से बुझाया गया।
डीआईजी सह एससपी रांची खुद राहत और बचाव कार्य में लगे। मॉक ड्रिल के दौरान सभी घायलों को और बिल्डिंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
घायलों को निकालने में पुलिस के जवानों ने की कड़ी मेहनत
मेकॉन में भले ही मॉक ड्रिल किया जा रहा था लेकिन इस दौरान रांची पुलिस के जवानों ने कड़ी मेहनत की। सबसे ज्यादा मेहनत घायलों को बिल्डिंग से निकाल कर अस्पताल पहुंचाने में की गई। रांची पुलिस के जवानों ने ऊंची बिल्डिंग में फंसे लोगों को स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकाला।
नो ट्रैफिक जोन रहा राजेन्द्र चौक से एजी कॉलोनी
मॉक ड्रील को सफल बनाने के लिए हकीकत में नो ट्रैफिक जोन बनाया गया। इस दौरान राजेन्द्र चौक से लेकर एजी कॉलोनी तक के इलाके को नो ट्रैफिक जोन में तब्दील कर दिया गया। इस दौरान दुश्मन देश के संभावित हमले को लेकर ब्लैक आउट भी रहा।