Giridih News: झारखंड पुलिस भाकपा माओवादियों को एनकाउंटर की बजाय सरकार की सरेंडर नीति के तहत मुख्य धारा से जुड़ने का सुझाव दे रही है। इसके तहत शुक्रवार को एएसपी अभियान सुरजीत कुमार और एसडीपीओ सुमित प्रसाद पुलिस जवानों के साथ झारखंड के 10 लाख के इनामी नक्सली और जोनल कमेटी के सदस्य साहब राम मांझी के घर पहुंचे। घर पर साहब राम मांझी के परिवार के सदस्य मौजूद थे।
इस दौरान एएसपी और एसडीपीओ ने परिवार के सदस्यों को सुझाव देते हुए कहा कि वो लोग साहब राम मांझी को समझाएं कि अब समाज से नक्सलवाद खत्म हो रहा है। सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कारगर आत्मसमर्पण नीति बनाकर उनके परेशानियों को दूर करने की दिशा में काम रही है। उनके बच्चों की पढ़ाई की सारी व्यस्था के साथ शांति से जीवन यापन के लिए संसाधन तक उपलब्ध कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि हार्डकोर नक्सली नक्सलवाद का रास्ता छोड़ें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। कई बड़े नक्सली अब समाज से जुड़ चुके हैं। परिजनों ने बताया कि 15 – 16 वर्ष पहले ही साहेब राम घर छोड़कर चला गया था. उसके अभी तीन बच्चे हैं। दोनों अधिकारियों की बात सुनने के बाद 10 लाख के इनामी नक्सली साहब राम मांझी के परिवार के सदस्यों ने भरोसा दिलाया कि साहब राम मांझी के घर आने के बाद उसे जरूर बात करेंगे।
जोनल कमेटी मेंबर है साहेब राम मांझी
यहां बता दें कि पीरटांड थाना इलाके का रहने वाला साहेब राम मांझी नक्सली संगठन भाकपा माओवादी संगठन में जोनल कमेटी मेंबर है. साहेब पर 10 लाख का इनाम है. साहेब के खिलाफ गिरिडीह समेत विभिन्न जिलों में मुकदमा दर्ज है. साहेब को सरेंडर करवाने का प्रयास पिछले कुछ वर्ष से चल रहा है. तत्कालीन एसपी दीपक शर्मा भी साहेब के घर जा चुके थे. उनके द्वारा भी परिजनों को समझाया गया था.