पटना।
बिहार से राज्य सभा की एकमात्र सीट के लिए भाजपा की ओर से सुशील मोदी को उम्मीदवार बनाया गया है। बताते चलें कि बिहार में राज्यसभा की एक सीट केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई है। पासवान भाजपा के समर्थन से ही राज्यसभा में सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री बने थे। यह सीट भाजपा के कोटे की रही है। वहीं सीट पर लोजपा नेताओं द्वारा भी दिवंगत पासवान की पत्नी रीना पासवान को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की जा रही है।
राजद राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले चुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी में
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में मात खाने के बाद अब राजद राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले चुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। हालांकि पार्टी की ओर से अभी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है। चुनाव में एनडीए के बाद राजद की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने से मतदान की स्थिति बनने की संभावना हो गई है। उल्लेखनीय हो कि राज्यसभा का चुनाव गुप्त मतदान से होता है और चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग का पुराना इतिहास भी रहा है। राजद सूत्रों की माने तो पार्टी की ओर से राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के नाम की चर्चा है। अब्दुल बारी सिद्दीकी के विधानसभा चुनाव में हारने के बाद राजद उन्हें राज्यसभा भेजना चाहती है ताकि मुसलमान समुदाय में पार्टी को लेकर सहानुभूति बनी रहे। इसके अलावा पार्टी की ओर से जगदानंद सिंह के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। जगदानंद सिंह क्षत्रिय समाज से आते हैं साथ ही लालू यादव के विश्वासी भी माने जाते हैं। विकट परिस्थितियों में भी उन्होंने राजद का साथ निभाया है। ऐसे में पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजकर सवर्ण समाज को भी मैसेज देने की कोशिश कर सकती है।
दलीय स्थिति इस प्रकार है
बिहार विधानसभा में फिलहाल पार्टियों की स्थिति इस प्रकार है। राजद के पास 75, भाजपा के पास 74, जदयू के पास 43, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16, एआईएमआईएम के 5, हम के 4, वीआईपी के चार, बसपा के एक, लोजपा के और निर्दलीय एक एक विधायक हैं। एनडीए को 126 विधायकों का समर्थन है। दलगत तौर पर एनडीए की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। मगर गुप्त मतदान और चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के रहे पुराने इतिहास को देखते हुए बाजी पलटने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।