झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में खिजरी विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर अनोखी स्थिति देखने को मिली। रांची के अनगड़ा प्रखंड के सिरका मेढ़ेटुंगरी गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। सुबह 7 से 8 बजे के बीच केवल 13 लोगों ने मतदान किया। इसके बाद 8 बजे से 9 बजे तक बूथ पूरी तरह खाली रहा।
बूथ खाली देख हरकत में आया प्रशासन
जैसे ही मतदान केंद्र के खाली होने की खबर प्रशासन को मिली, प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) जयपाल सोय और थाना प्रभारी हीरालाल साह मौके पर पहुंचे। खाली बूथ देखकर दोनों अधिकारी गांव की ओर रवाना हुए और घर-घर जाकर लोगों को मनाने की कोशिश शुरू कर दी।
ग्रामीणों के नारे: “रोड नहीं तो वोट नहीं”
ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों को देखकर भड़क गए और जोर-शोर से नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि गांव की सड़कें जर्जर हालत में हैं, और बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो कोई नेता आया और न ही किसी अधिकारी ने सुध ली। “हमने पहले ही चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी थी,” एक ग्रामीण ने कहा। गांववालों ने साफ कर दिया कि बिना सड़क के वे मतदान नहीं करेंगे। ग्रामीणों का आरोप था कि उनकी समस्याओं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उनके इस कदम ने प्रशासन और नेताओं को सकते में डाल दिया।
अधिकारियों ने मनाया, वोटिंग शुरू हुई
बीडीओ जयपाल सोय और थाना प्रभारी ने गांववालों को समझाते हुए कहा, “लोकतंत्र में आपकी समस्याओं का समाधान तभी होगा जब आप मतदान करेंगे और अपनी आवाज बुलंद करेंगे।” इस समझाने-बुझाने के बाद कुछ ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। धीरे-धीरे लोग मतदान केंद्र पहुंचने लगे और फिर मतदान प्रक्रिया शुरू हुई।सिरका मेढ़ेटुंगरी के ग्रामीणों ने प्रशासन और नेताओं को यह संदेश दिया कि विकास के बिना वोट मांगना आसान नहीं। हालांकि, अंततः ग्रामीणों ने लोकतंत्र में भरोसा जताते हुए वोटिंग शुरू की