झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे स्टार प्रचारकों से चुनावी सभाओं के लिए एक नवंबर से 10 नवंबर के बीच का समय मांगा है। इस दौरान दीपावली के बाद भाजपा के स्टार प्रचारकों की चुनावी सभाएं आयोजित की जाएंगी, जो पार्टी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा होंगी।
पीएम मोदी के लिए छह चुनावी सभाओं का प्रस्ताव
भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की छह चुनावी सभाओं का प्रस्ताव तैयार किया है, जो राज्य के सभी छह सांगठनिक प्रमंडलों में आयोजित की जाएंगी। इससे पहले, पीएम मोदी ने झारखंड में 15 नवंबर को जमशेदपुर और 2 अक्टूबर को हजारीबाग में दो रैलियों को संबोधित किया था, जहां उन्होंने भाजपा की परिवर्तन यात्रा का समापन किया।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, इन सभाओं का उद्देश्य मतदाताओं के बीच पार्टी की नीतियों और उपलब्धियों को प्रस्तुत करना और विपक्षी दलों के खिलाफ हमलावर रुख अपनाना है।
अमित शाह की परिवर्तन रैली में जोरदार उपस्थिति
भाजपा के परिवर्तन यात्रा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने साहिबगंज और गिरिडीह में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। साहिबगंज के भोगनाडीह में सिद्धू कान्हो की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद, उन्होंने सभा में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए भाजपा की नीतियों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
चुनावी मुद्दे: बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के द्वारा आयोजित इन चुनावी सभाओं में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, और बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, पेपर लीक का मामला भी चुनावी विमर्श का हिस्सा बनेगा, जिससे सरकार को घेरने की रणनीति अपनाई जाएगी।
भाजपा की यह तैयारी झारखंड विधानसभा चुनावों में उनकी स्थिति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। चुनावी सभाओं के माध्यम से पार्टी मतदाताओं के बीच अपनी छवि को पुनः स्थापित करने और चुनावी मैदान में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रही है। अब देखना यह है कि ये रणनीतियाँ कितनी सफल होती हैं और झारखंड की राजनीतिक तस्वीर में क्या बदलाव लाती हैं