देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 21 अक्टूबर 2024 को अपने बयान में स्पष्ट किया कि वैश्विक स्तर पर तेल की कोई कमी नहीं है और आपूर्ति पर्याप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि बाजार में ब्राजील और गुयाना जैसे देशों से भी तेल की आपूर्ति बढ़ रही है, जिससे क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी की उम्मीद है।

हालांकि, मंत्री ने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर तनाव और संघर्ष वाले क्षेत्रों में माल ढुलाई और बीमा शुल्क की बढ़ोतरी के कारण पेट्रोल-डीजल के दामों में स्थिरता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इन लागतों के कारण उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पा रही है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिर रही हैं।
इससे पहले, 12 सितंबर 2024 को मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने भी संकेत दिया था कि अगर तेल की कीमतें लंबे समय तक कम रहती हैं, तो तेल कंपनियां देश में कीमतों में कमी पर विचार कर सकती हैं। वर्तमान में भारतीय बाजार में 90% तेल पर सरकारी कंपनियों का कब्जा है, जिसमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं और वैश्विक तनाव कम होता है, तो सरकार को उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कदम उठाने होंगे। हालांकि, अभी भी कई बाधाएँ हैं, जैसे कि परिवहन लागत और स्थानीय टैक्स, जो कि कीमतों में कमी को प्रभावित कर सकते हैं।
आम जनता की नजरें सरकार के अगले फैसलों पर हैं, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में उन्हें पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट का अनुभव होगा