झारखंड में चुनावी सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी उपायुक्तों को चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और दोषियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इस आदेश के मिलते ही उपायुक्तों ने कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी केंद्रीय चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे झामुमो कार्यकर्ताओं की शिकायतों का संज्ञान लें, जिनमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को 2100 रुपये देने के वादे के साथ फॉर्म भरवा रही है। सीएम ने कहा कि इस मामले में सभी उपायुक्त त्वरित कार्रवाई करें और दोषियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करें।
इस बीच, भाजपा ने सीएम के इस आदेश पर पलटवार किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैं खुद गोगो दीदी योजना का फॉर्म भरवाऊंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आदेश संवैधानिक ज्ञान की कमी का परिणाम है और ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री गलत सलाहकारों से घिर गए हैं।
मरांडी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे घर-घर जाकर ‘गोगो दीदी योजना’ का फॉर्म भरवाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। योजना के तहत, सरकार बनने के बाद महिलाओं के बैंक खातों में 2100 रुपये प्रति माह भेजे जाएंगे। भाजपा कार्यकर्ता इस योजना को लागू करने के लिए सक्रियता से काम कर रहे हैं, बावजूद इसके कि उन पर झूठे मुकदमे दायर किए जा रहे हैं।
झामुमो कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को शिकायत में कहा है कि भाजपा नियमों की धज्जियां उड़ा रही है और चुनाव आयोग इस पर चुप है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करें, अन्यथा ‘इंडिया गठबंधन’ भी ऐसे हथकंडे अपनाने के लिए बाध्य होगा।
सीएम के आदेश के बाद रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सीएम को सूचित किया कि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इस आदेश के बाद राजनीतिक माहौल में तेजी से बदलाव आ रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर आगे और क्या घटनाक्रम होते हैं