Patna/Gaya News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पटना शाखा में कार्यरत पुलिस उपाधीक्षक अजय प्रताप सिंह एवं दो मध्यस्थ व्यक्तियों को 20 लाख रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने बताया है कि इस मामले में जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधान परिषद सदस्य मनोरमा देवी के बेटे रॉकी से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव की कंपनी और ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी। इस दौरान डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई थी। इस केस के आईओ डीएसपी अजय प्रताप सिंह थे। इसी मामले मे वे अपने एजेंटों के माध्यम से रिश्वत लेने की कोशिश कर रहे थे। उनके द्वारा लगातार रिश्वत का दबाव बनाए जाने के बाद रॉकी ने सीबीआइ से शिकायत की। इसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इसके साथ दो अन्य एजेंटों को भी गिरफ्तार किया गया है, जो इस भ्रष्टाचार में शामिल थे। एनआईए और सीबीआई ने जाल बिछाया, जिसमें अजय प्रताप फंस गए और उन्हें रिश्वत लेते धर दबोचा गया।
सीबीआइ के अनुसार रॉकी यादव ने लिखित शिकायत में कहा था कि एनआइए के अधिकारी उसे और उसके परिवार को नक्सली सांठगांठ और अवैध हथियार रखने के मामले में फंसाने की धमकी दे रहे हैं और इसके एवज में पैसे की मांग कर रहे हैं. रॉकी यादव की ओर से शिकायत मिलने के बाद सीबीआइ के अधिकारियों ने प्राथमिक स्तर पर इसकी जांच की
बीते 19 सितम्बर को उसके ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी। इस छापे के बाद एनआईए डीएसपी की एक नोटिस उन्हें मिली, जिसमें 26 सितम्बर को एनआईए कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया गया था। वह 26 सितम्बर को आइओ के समक्ष उपस्थित हुआ। उसने आरोप लगाया कि यहां पूछताछ के दौरान उसे तथा उसके परिवार के लोगों को अलग-अलग तरह के झूठे मुकदमों में फंसा देने की धमकी दी गई और ढाई करोड़ की रिश्वत की मांग की गई। परिवार को बचाने के लिए वह रिश्वत देने को तैयार हो गया।
डीएसपी ने रॉकी को उसी दिन पहली किश्त के तौर पर 25 लाख रुपये देने को कहा और उसे एक हाथ से लिखे नोट में अपने एजेंट का मोबाइल नंबर दिया इसके बाद 25 लाख रुपये अपने रिश्तेदार के जरिये दिये गये नंबर से संपर्क कर औरंगाबाद में दिलवाये। इस पूरे दौरान डीएसपी अपने एजेंट व उसके साथी से संपर्क में रहा। रॉकी के अनुसार यह पैसा 26 सितंबर को औरंगाबाद में रात 11.30 बजे दिये गये.। दो दिन बाद डीएसपी की ओर से फिर समन जारी कर रॉकी को एक अक्तूबर को एनआइए दफ्तर तलब किया गया। उस दिन उससे 70 लाख रुपये मांगे गये, जिसमें से 35 लाख रुपये उसी दिन देने को कहे गये।
डीएसपी ने फिर उसे हाथ से लिखे नोट में मोबाइल नंबर दिया। रॉकी ने पैसे की व्यवस्था कर उसे गया में तीन अक्तूबर को देने का आश्वासन दिया. जिसके बाद पूरे मामले को उसने एनआइए के वरिष्ठ अधिकारियों को बताया. जिसके बाद सीबीआइ की मदद ली गयी और डीएसपीको उसके दो एजेंटों के साथ दबोचा जा सका.
20 लोगों के खिलाफ दर्ज है केस
एनआइए के अनुसार पिछले साल सात अगस्त को औरंगाबाद के गोह से भाकपा माओवादी संगठन के दो सदस्यों रोहित राय और प्रमोद यादव को हथियारों और कुछ बुकलेट्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। 26 सितंबर 2023 को एनआइए ने इस केस की जांच शुरू की और 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। जांच एजेंसी ने इस साल फरवरी में रोहित और प्रमोद के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। 23 नवंबर 2023 को भी एनआइए ने मनोरमा देवी के करीबी व पूर्व जिला पार्षद राजू जाट के गया स्थित डेल्हा के गौतम बुद्ध कॉलोनी और कोंच के कठौतिया स्थित आवास पर छापेमारी की थी। मालूम हो कि मनोरमा देवी के पति बिंदी यादव (बिंदेश्वरी प्रसाद यादव) पर नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. उन्हीं मामलों को लेकर एनआइए द्वारा फिर से कार्रवाई शुरू की गयी है.