Seraikela: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अब फ्रंट फुट पर राजनीति के मैदान में उतर गए हैं। दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने बुधवार को अपने पैतृक गांव झिलिंगगोड़ा, महुलडीह तथा हाता क्षेत्र में समर्थकों से मुलाकात के बाद अलग संगठन खड़ा करने की घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि आगामी सात दिन के भीतर पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। बीते मंगलवार को दिल्ली से वापस आने के बाद देर रात से उनके आवास पर समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ था। दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि बहुत जल्द पता चल जाएगा कि वे क्या करने वाले हैं।
चंपाई ने बुधवार को हजारों समर्थकों के बीच कहा कि आप सबों का साथ मुझे मिलेगा, इसका भरोसा हो गया है। हम आगे बढ़ेंगे। बरसों से जो लोग अपने हक, अधिकार के लिए अछूते हैं, उन्हें हक दिलाएंगे। आदर्श राज्य बनाएंगे। मुझे विश्वास हो गया है कि आपका साथ मिलने से ऐसा जरूर होगा। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने साफ कर दिया है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि वह अलग पार्टी बनाएंगे। यदि कोई साथी मिला, तो उसके साथ आगे बढ़ेंगे। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने चंपाई सोरेन के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। लोगों ने कहा-दादा आप आगे बढ़ें, हम आपके साथ हैं। चंपाई सोरेन आगे बढ़ें, हम आपके साथ हैं। झारखंड टाईगर जिंदाबाद के नारे भी लोगों ने लगाए।
कोलकाता से मंगलवार को लौटने के बाद बुधवार को उन्होंने सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जिलिंगगोड़ा में एक सभा को संबोधित किया। जिलिंगगोड़ा गांव के उत्क्रमित फुटबॉल ग्राउंड में भारी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोलकाता से लौटने के बाद उनकी बहुत से लोगों से बातचीत हुई। रात भी 5000 से अधिक लोगों के साथ यहीं चौक पर बातचीत की। इसके बाद यह फैसला लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। यदि आदिवासियों और दलितों के हित की बात करने वाला कोई साथी मिलेगा, तो उनके साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि जब मैं कुछ भी नहीं था, तब भी यहां के मजदूरों के हक में आवाज बुलंद करता था। उनकी लड़ाई लड़ता था।
झारखंड मुक्ति मोर्चा को अलविदा कहने के बाद चंपाई सोरेन का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा? सभी को इसका इंतजार था। चंपाई सोरेन ने साफ कर दिया है कि वह अलग पार्टी बनाएंगे और समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ आगे बढ़ेंगे।
बुधवार की सुबह भी बड़ी संख्या में समर्थक उनके आवास पर पहुंचे थे। समर्थकों से बातचीत के बाद चंपाई सोरेन अलग-अलग जगहों पर जाकर भी समर्थकों से मिल रहे हैं। अलग संगठन खड़ा करने की घोषणा के बाद ऑफ द रिकॉर्ड चंपाई सोरेन ने कहा कि सीएम बनने के बाद जिस तरह से अपमानित किया जा रहा था, उसको बयां नहीं किया जा सकता है। चंपाई सोरेन का गुस्सा सीधे तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर था।
चंपाई की इस घोषणा से भाजपा में शामिल होने के कयासों पर अब विराम लग गया है। हालांकि उन्होंने अभी तक नहीं बताया है कि उनकी पार्टी का क्या नाम होगा। इससे पहले कहा जा रहा था कि बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं के संपर्क में चंपाई सोरेन थे। मगर ऐन वक्त पर खेल बिगड़ गया और दिल्ली यात्रा उनकी राजनीतिक नहीं बल्कि निजी हो गई। कहा जा रहा है कि प्रदेश स्तर के कुछ बीजेपी नेताओं ने ही खेल बिगाड़ने का काम किया और चंपाई के भाजपा में इंट्री से पहले ही इस पर विराम लग गया। अब सभी को उनका अगला कदम क्या होगा, इसपर निगाहें टिकी है।