.प्रेस वार्ता में चुनाव परिणाम की विश्वसनीयता को लेकर भी उठाया सवाल
पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद गुरुवार को पहली बार महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा ने जनादेश का अपहरण किया है। साथ ही उन्होंने चुनाव परिणाम की विश्वसनीयता को लेकर भी बड़ा सवाल किया है। उन्होंने रिकॉउटिंग की मांग रखी है। तेजस्वी ने कहा कि कम से कम 20 सीटों पर उनके उम्मीदवारों को जानबूझकर हरवाया गया है।
राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी काफी आक्रोश में दिखे। मौके पर उन्होंने पोस्टल बैलट रद्द किए जाने पर चुनाव आयोग के समक्ष बड़ा सवाल खड़ा किया है। इसके पहले महागठबंधन के घटक दलों के साथ हुई बैठक में तेजस्वी ने हाथ जोड़कर सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें निराश होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हम हारे नहीं हराए गए हैं। तेजस्वी ने कहा कि नतीजे हमारे पक्ष में आए हैं और फैसला उनके पक्ष में चला गया।
तेजस्वी ने कहा कि 2015 में भी यही हुआ था। सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी हमें सत्ता से हटाकर भाजपा चोर दरवाजे से सत्ता में आ गई थी। उन्होंने कहा कि जब वोट को रद्द ही किया जाना था तो पोस्टल बैलेट से मतदान क्यों करवाया जाता है। एक सीट पर 100-50 नहीं बल्कि 900 -900 पोस्टल वोट रद्द किए गए हैं। महागठबंधन की मांग है कि पोस्टल बैलट की फिर से जांच कराई जाए। महागठबंधन के लगभग 20 उम्मीदवारों को जानबूझकर हराया गया है।
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव में मात्र 0.1 प्रतिशत के अंतर से महागठबंधन की हार हुई है। एनडीए को 1 करोड़ 57 लाख 728 यानी कुल मतदान का 37. 3 और महागठबंधन को 1 करोड़ 56 लाख 88 हजार 458 वोट मिले हैं। यानी कुल मतदान का 37. 2 प्रतिशत वोट महागठबंधन को मिले हैं। महागठबंधन और एनडीए के बीच के वोट का अंतर मात्र 12270 वोट का है। इसी 12000 के अंतर में एनडीए 15 सीट अधिक जीत गया।