Motihari: बिहार के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और तीन लाख का इनामी राकेश कुमार उर्फ चून्नू ठाकुर को बिहार एसटीएफ, मुजफ्फरपुर पुलिस व बगहा पुलिस ने इंडो नेपाल बार्डर रक्सौल से गिरफ्तार किया है।चुन्नू ठाकुर पर 30 से अधिक मामले दर्ज हैं। वह बिहार पुलिस के टॉप-10 अपराधियों की सूची में शामिल है।
पुलिस ने चुन्नू के पास से और घर से कई हथियार बरामद किये है। जिसके बाद उसकी पत्नी को भी पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।इस संबंध में मुजफ्फरपुर एसएसपी राकेश कुमार से मिली जानकारी के अनुसार चुन्नू ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद सिटी एएसपी भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में डीएसपी साइबर और कई थाने की पुलिस चुन्नू ठाकुर के गन्नीपुर स्थित आवास की करीब पांच घंटे तक तलाशी ली। जहां से एक स्वचालित पिस्तौल और चार कारतूस और कई ब्लैंक चेक,एटीएम और जमीन के दस्तावेज,बसो के चलान बरामद किये गये। जिसके बाद उनकी पत्नी वंदना किरण ठाकुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
एसएसपी ने बताया कि चुन्नू ठाकुर पर हत्या, आर्म्स एक्ट और लूट के कुल 32 मामले दर्ज हैं। इसके साथ ही हरियाणा व दिल्ली से अवैध शराब के कारोबार में भी इनकी गहरी संलिप्तता पायी गयी है। चून्नू की तलाश पुलिस कई वर्षों से कर रही थी।इसको लेकर पुलिस की विशेष टीम मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से इनपर नजर रखी हुइ थी। इसी दौरान चुन्नू ठाकुर के नेपाल में होने की सूचना पर बिहार एसटीएफ की टीम ने बगहा और मुजफ्फरपुर पुलिस के सहयोग से चुन्नू ठाकुर को इंडो नेपाल बार्डर रक्सौल से पकड़ा है।जिसने पूछताछ के दौरान चुन्नू कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है।
एसएसपी ने बताया कि शराब की तस्करी में लगातार चुन्नू ठाकुर का नाम आ रहा था। 2021 में चुन्नू पर अहियापुर थाने में मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम का मामला दर्ज है।इसके साथ ही 2019 में मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में आर्म्स एक्ट व हत्या 2019 में पूर्वी चंपारण के बंजरिया थाने में आर्म्स एक्ट, उत्तर प्रदेश के फरह थाना क्षेत्र में हत्या, बिहार विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में 1991 और 1992 में लूट का मुकदमा, 1987 में काजी मोहम्मदपुर थान क्षेत्र में आर्म्स एक्ट, 1990 में काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र में मारपीट और हमला के साथ ही मुजफ्फरपुर के सदर थाना, महिला थाना, मिठनपुरा थाना, नगर थाना, अहियापुर थाना, सरैया थाना में लूट, हत्या व आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन अपराध के अलग-अलग मामलों दर्ज है।एएसपी ने बताया कि वर्ष 2015 में वैशाली सदर थाना में इनकी गिरफ्तारी हुई थी। जिसमे जमानत मिलने के बाद लगातार फरार रहकर विभिन्न घटनाओ को अंजाम दे रहे थे।