Araria: एडीजे प्रथम मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने गुरुवार को 2021 में फारबिसगंज के डाक हरिपुर निवासी सत्यनारायण मेहता के हुए नृशंस हत्याकांड मामले में चौदह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सत्र वाद संख्या – 206/2021 में चौदह दोषियों को आजीवन कारावास के साथ पच्चीस हजार रुपये के अर्थ दंड की भी सजा सुनाई।
सजा पाए जाने वाले सभी दोषी फारबिसगंज थाना क्षेत्र के निवासी हैं।सजा पाए जाने वाले दोषियों में पंकज मेहता, रूपचंद मेहता, शेखर मेहता, घोटन मेहता, देव नारायण मेहता, दिनेश मेहता, शम्भू मेहता, दिलीप मेहता, बबलू मेहता, छोटू कुमार मेहता, राम देव मेहता, सुरेन मेहता,जीवन पासवान, ललित मेहता शामिल हैं । न्यायालय ने भादवि की धारा -147, 148, 149, 323, 324, 325, 302, 354, 379 के अंतर्गत दोषी करार दिया।
मामले की शिकायतकर्ता फारबिसगंज के डाक हरिपुर की रहने वाली मृतक स्वर्गीय सत्य नारायण मेहता की पत्नी चांदनी देवी है।उन्होंने पति के नृशंसतापूर्वक किए गए हत्या मामले में फारबिसगंज थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। दर्ज कराई गई प्राथिमिकी में उन्होंने बताया था कि जब वह अपने घर से पति के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर फारबिसगंज बाजार जा रही थी। तब सभी दोषियों ने घात लगा नाजायज मजमा बनाकर लोहे के पाईप, रॉड, तलवार, गढ़ेल,थ्रिनट आदि से प्रहार करते हुए उनके पति को गाड़ी से उतार दिया था। सर पर तीन कांटी ठोक कर उनकी निर्ममतापूर्वक हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था। दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने बताया था कि जब पूरी घटना की फोटो अपने मोबाईल फोन से ले रही थी तो उनका मोबाईल फोन भी दोषी करार दिए लोगों ने छीन लिया था।
मामले में सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह और देव नारायण सेन ने न्यायालय को बताया कि दोषियों में कुछ बुजुर्ग व्यक्ति भी है और सजा पर सहानुभूति पूर्ण विचार की जाय और कम से कम सजा सुनाई जाने की गुहार लगाई। जबकि सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक राजानंद पासवान ने न्यायालय के समक्ष दलीलें देते हुए कहा कि घटना के समय दोषी घातक हथियारों से लैस होकर जानबूझकर घटना को अंजाम दिया इसलिए रियायत के हकदार नहीं है । जिस पर संतुष्ट हो कर न्यायालय ने दोषियों की सजा मुक्कर किया।