राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद गांव जाकर करूंगी खेती : द्रौपदी मुर्मू
Patna: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को पटना के बापू सभागार में राज्यपाल और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में चौथे कृषि रोडमैप का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद अपने गांव जाकर खेती करूंगी। उन्होंने कहा कि बिहार भी मेरा राज्य है। यहां कभी मेरे पूर्वज रहते थे। मैं किसान की बेटी हूं। कृषि रोडमैप की सारी जानकारी मुझे लेनी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि बिहार की प्रमुख फसल से एथेनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। यह देश के ऊर्जा संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। सब्जियों और फलों का उत्पादन भी आर्थिक और पर्यावरण दृष्टिकोण से अच्छी पहल है। यहां कई तरह की सब्जियां भी प्रचुर मात्रा में उत्पादित की जाती हैं। मुर्मू ने कहा कि बिहार भगवान बुद्ध की धरती है, जिन्होंने संपूर्ण मानवता को शांति और सद्भाव का पाठ पढ़ाया। आप इस पावन धरती के वासी हैं। इसलिए आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप आप एक ऐसे समाज का आदर्श प्रस्तुत करेंगे, जिसमें देश में कलह की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
इससे पहले राष्ट्रपति को कृषि रोडमैप का प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें बताया गया कि पीपीपी मोड में खेती की जाएगी। इसपर बिहार सरकार की ओर से अगले पांच साल में 01 लाख 62 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ यह लक्ष्य रखा गया है कि 2025 तक हर खेत में पानी पहुंचाया जाए। बिहार सरकार इस साल 162268.78 करोड़ रुपये कृषि रोड मैप पर खर्च करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2023 से 2028 तक इसके तहत ली गयी योजनाओं पर कार्य किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार के कृषि रोड मैप को देश के सबसे अनोखे कृषि प्लान के रूप में जाना जाता है। यह रोड मैप बनाकर कृषि कार्य करने वाला बिहार देश में पहला राज्य है। 17 फरवरी, 2008 को कृष्ण मेमोरियल हॉल में किसान पंचायत का आयोजन कर पहले कृषि रोड मैप को लॉन्च किया गया था। 2008 से 2012 तक पहले कृषि रोड मैप की अवधि निर्धारित थी। दूसरे कृषि रोड मैप की अवधि 2012 से 2017 तथा तीसरे की अवधि 2017 से 2023 थी। अब वर्ष 2023 से 2028 तक के लिए चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च किया जायेगा। इस 15 साल में राज्य में 651 राइस मिल खोलने की स्वीकृति दी गयी।
सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरुगोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचीं
तीन दिवसीय बिहार दौरे पर पटना पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बापू सभागार में बुधवार को शाम में बिहार के चौथे कृषि रोड मैप का शुभारंभ करने के बाद सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरुगोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचीं, जहां उन्होंने तख्त श्री हरिमंदिर में गुरु के दरबार में मत्था टेका।
मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक ने उन्हें उपहार स्वरूप सरोपा सौंपा। साथ ही उन्हें गुरुगोविंद सिंह का अस्त्र-शस्त्र भी दिखाया। राष्ट्रपति ने देश की तरक्की के साथ शांति और सद्भाव की कामना की। मुर्मू के साथ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर भी मौजूद रहे। यहां आधा घंटा रुकने के बाद वे राजभवन चली गईं। राजभवन में राज्यपाल का रात्रि भोज है, जिसमें गण्यमान्य लोग भी शामिल होंगे। राष्ट्रपति राजभवन में ही रात्रि विश्राम करेंगी।
राष्ट्रपति के अगले दो दिनों का कार्यक्रम
19 अक्टूबर को राष्ट्रपति सुबह 9:15 बजे चौपर के माध्यम से मोतिहारी जाएंगी, जहां पूर्वाह्न 10:45 से 11:45 बजे तक महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इसके बाद वे वापस पटना पहुंचेंगी और शाम 5:30 बजे पटना एम्स के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगी। कार्यक्रम के बाद वे राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी। अगले दिन 20 अक्टूबर को वे गया जाएंगी, जहां दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मुर्मू गया से ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।