Latehar: नक्सली संगठन जेजेएमपी के सब-जोनल कमांडर कमलेश सिंह उर्फ मुकेश जी ने शुक्रवार को पुलिस का समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। मुकेश लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत लात गांव का रहने वाला है। वह पिछले 15 वर्षों से विभिन्न नक्सली संगठनों में सक्रिय था। लातेहार एसपी अंजनी अंजन और सीआरपीएफ 11 वी बटालियन के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित नई दिशा कार्यक्रम में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मुकेश को माला पहनाकर स्वागत किया।
पुलिस अधीक्षक में बताया कि आत्मसमर्पण करने से पहले कमलेश सिंह माओवादी और जेजेएमपी नक्सली संगठन में सक्रिय रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में यह माओवादी संगठन से जुड़ा था लेकिन वर्ष 2010 में माओवादियों को छोड़कर इसने जेजेएमपी का दामन थाम लिया था। वर्ष 2010 के बाद यह लगातार जेजेएमपी नक्सली संगठन से जुड़कर लातेहार और पलामू जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में सक्रिय था। इस पर आधा दर्जन से अधिक नक्सली कांड विभिन्न थाना क्षेत्र में दर्ज हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कमलेश सिंह सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया। उन्होंने इस दौरान मुख्य धारा से भटक चुके सभी नक्सलियों से अपील किया कि सरकार के आत्म समर्पण नीति का लाभ उठाएं और समाज के मुख्य धारा से जुड़ जाएं। पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को हर संभव मदद करने को तैयार है।
सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि नक्सली मुकेश जी पिछले कुछ दिनों से सीआरपीएफ के संपर्क में आया था और आत्मसमर्पण नीति के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी ले रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उसने आज आत्म समर्पण किया है।
माओवादियों ने दबाव देकर संगठन में शामिल कराया था
आत्मसमर्पण करने के बाद कमलेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2008 में माओवादियों के द्वारा दबाव देकर उसे संगठन में शामिल किया गया था। माओवादियों की नीति और सिद्धांत ठीक नहीं रहने के कारण उसने माओवादियों का साथ छोड़ दिया था और जेजेएमपी नक्सली संगठन से जुड़ गया था। पिछले कुछ वर्षों से नक्सली काफी कमजोर हो गए हैं। साथ ही सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर कई नक्सली आत्म समर्पण कर रहे थे। इसी से प्रभावित होकर उसने भी आत्मसमर्पण कर दिया।