Motihari: जिले के चकिया से गिरफ्तार प्रतिबंधित पीएफआई संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रियाज मारूफ उर्फ बबलू ने पूछताछ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। एनआईए अब उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में है।
बताया गया है कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बावजूद रियाज संगठन के विस्तार में लगा रहा। फुलवारी शरीफ और बरुराज में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उसने दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण में बैठक कर संगठन से सैकड़ों युवकों को जोड़ा। उसने जांच एजेंसी को बताया है कि मुजफ्फरपुर के बरुराज और दरभंगा के जाले में संगठन से जुड़े युवकों के लिए ट्रेनिंग कैंप भी आयोजित किया। साथ ही नेपाल की सीमाई क्षेत्रों में भी कई कैंप आयोजित किए।
एनआईए की पूछताछ में रियाज ने बताया कि मेहसी निवासी याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान के माध्यम से 2020 में वह पीएफआई से जुड़ा था, जिसने उसे बिहारशरीफ निवासी शमीम अख्तर से मिलवाया। बाद में उसे संगठन में वाइस प्रेसिडेंट की जिम्मेवारी दी गई। पीएफआई प्रतिबंधित होने के बाद रियाज ने दरभंगा के सनाउल्लाह, मधुबनी के मो. तौसीफ, बरुराज के बेलाल अहमद व कादिर अंसारी के साथ मिलकर संगठन विस्तार के लिए स्लीपर सेल की भांति दो दर्जन के करीब बैठकें किया।
उसने बताया है कि नए युवकों को पीएफआई से जोड़ने के लिए पहले धार्मिक आयोजन किया जाता है, जिसमें क्रूर और अत्याचार का वीडियो क्लिप दिखाकर युवाओं की भावनाओं को भड़काया जाता है। फिर उनका वाट्सएप ग्रुप बनाकर लगातार उन्हें ऐसा वीडियो और वाॅयस मैसैज भेजा जाता है।
जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि रियाज के अनुसार बिहार के नेपाल सीमा से सटे करीब पांच जिलों में पीएफआई के लोग क्रियाशील हैं जो स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे हैं। उन्हें चिह्नित कर पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस और एनआईए लगातार छापेमारी कर रही है।