Chaibasa: जिले के टोटो थाना क्षेत्र में सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए। अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर थे। बताया जा रहा है कि भाकपा माओवादी संगठन के मिसिर बेसरा दस्ते के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई थी।
पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि जिले के तुम्बाहाका और सरजम्बुरु के जंगल में सोमवार रात सुरक्षाबल सर्चिंग अभियान में निकले थे, नक्सली घने जंगल में छिपे हुए थे। इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई, इसी क्रम में दोनों गोलीबारी की चपेट में आ गए। अमित तिवारी खूंटी जिले के तोरपा थाना में थाना प्रभारी के रूप में भी अपना योगदान दे चुके हैं। वे पलामू जिले के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले ही उनके बेटे का जन्म हुआ था। अपने नवजात बच्चे की तस्वीर मोबाइल में ही वे देख सके।
चार दिन पहले ही इस इलाके में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की और नक्सलियों के कैंप पर कब्जा कर लिया। इस अभियान में भी एक जवान ने बलिदान दिया था। चाईबासा जिले के जंगल में नक्सलियों का दस्ता छिपा है। जिले के टोंटो थाना क्षेत्र में नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ होती रहती है। सुरक्षा बल नक्सलियों के बेहद करीब पहुंच गये हैं। चार दिन पहले ही मेडिका में लाने के बाद सुशांत कुमार की स्थिति काफी गंभीर थी, उनके सीने में गोली लगी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अभियान की सफलता के बाद मिसिर बेसरा के बेस कैंप को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया। 20 गुणा 40 के आकार के बंकर से एक करोड़ का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा अपने दस्ते को संचालित कर रहा था। बंकर में लाइट की सुविधा से लेकर दैनिक जरूरत का हर सामान मौजूद था। बंकर में सुरक्षा बलों को मोर्टार, विस्फोटक सहित अन्य हथियार और नक्सली साहित्य बरामद हुए हैं।
नक्सलियों और पुलिस के बीच हुए सोमवार रात मुठभेड़ में बलिदान हुए झारखंड जगुआर के इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार का पार्थिव शरीर को झारखंड जगुआर के मुख्यालय लाया गया । मुख्यमंत्री सहित तमाम पुलिस अधिकारी दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।