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देवेंद्र शर्मा Ranchi: झारखंड के कोयला भंडार वाले जिले से प्रति दिन देश के कोने में कोयला तस्कर बेरोकटोक हजारो ट्रक कोयला पहुंचाने का काम कर रहे है। दो माह पूर्व झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन और प्रदेश के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने उच्च न्यायालय के नोटिस पर एक फरमान जारी किया था कि जिस जिस जिले में अवैध माइनिंग का कारोबार होगा उस जिले के पुलिस कप्तान को दोषी करार दिया जायेगा और दंडित किया जाएगा। इस फरमान के जारी होने के साथ हजारीबाग और बरही क्षेत्र में दर्जन भर ट्रक को पुलिस ने जप्त किया और सम्बन्धित थाने कार्रवाई शुरु कर दी ।परन्तु यह अभियान 24 घंटे के अन्दर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। धनबाद, हजारीबाग, रामगढ़, गिरीडीह, रांची और पलामू में अवैध उत्खनन का काम माफिया इन दिनों युद्ध स्तर पर चला रहे है । धनबाद और रामगढ़ मे आलम यह है कोयला तस्कर विभिन्न कोयला कम्पनी के समानांतर अवैध कारोबार को गति दे रहे है। पलामू के सिकनी और बालूमाथ क्षेत्र में आलम यह है कि अवैध कारोबार करने वाले दिन के उजाले में यह धंधा चला रहे है। धनबाद में तो कोयला तस्कर एक एक सिंडिकेट स्थापित कर लिया है। सिंडिकेट में पुलिस, पत्रकार, के अलावा सफेदपोश भी शामिल बताये जा रहे है।वैसे तो जिले में अवैध कोयला कारोबार धड़ल्ले से चलने की खबरें लगातार आ रही हैं। धनबाद में अवैध कोयला कारोबार ने उद्योग का रूप ले लिया है। जहां से हर दिन लाखों टन कोयला की हेराफेरी होती है। जिसे रोकने के लिए धनबाद एसएसपी के द्वारा लगातार अभियान भी चलाया जाता रहा है, छापेमारी भी की जा रही है, फिर भी इनकी बातों को ताक पर रखकर कई थाना प्रभारी कोयला चोरों से सांठगांठ कर इस अवैध कारोबार को जोर शोर से चला रहें है। बताते चलें कि इस अवैध कारोबार करने वाले कारोबारियों को जिला के कई ऐसे थाने हैं जिनका प्रत्येक वाहन पासिंग के नाम पर 2 से लेकर 4 हजार तक की एक दर तय है। जिसे अवैध कोयला कारोबारियों को देना पड़ता है। सीआइएसएफ की गश्ती होने के बाद भी बस्ताकोला कोलडंप से लोड हाइवा को रोककर बेड़ा, चांदमारी और सहाना पहाड़ी में चोर कोयला उतारते हैं। इस मार्ग पर हो रही कोयले की चोरी सीआइएसएफ के लिए चुनौती बनी हुई है। कोयले की राजधानी कहे जाने वाला धनबाद से सरकार की राजस्व को कितनी क्षति हो रही है, और पुलिस प्रशासन अपनी जेबें गरम करने मे मस्त हैं। वर्तमान में झरिया व बाघमारा स्थित बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरियां अवैध धंधेबाजों के सॉफ्ट टारगेट हैं।जानकारी के अनुसार, झरिया के एनटी- एसटी, एना, बस्ताकोला, कुइया, भौरा, फोर ए पैच, पाथरडीह व टासरा एवं बाघमारा क्षेत्र के गजलीटांड, मुराईडीह, बनेडीही, सोनारडीह, चैतुडीह, तेतुलडीह, एकेडब्लूएम, शताब्दी परियोजना क्षेत्रों समेत आस पास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार चल रहा है। एक अनुमान के अनुसार सिर्फ झरिया व बाघमारा कोयलांचल स्थित बीसीसीएल के खदानों से हर दिन औसतन 200 से 250 हाईवा कोयला निकलता है। इसके अलावा स्कूटर, मोटरसाइकिल, 407, पिकअप से भी कोयले चोरी कर ले जाते है। झरिया में बेरोकटोक जारी है ‘कोयले की तस्करी झरिया कोयलांचल स्थित बीसीसीएल के इजे एरिया, लोदना, बस्ताकोला व कुसुंडा एरिया के कई स्थानों से बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी हो रही है। जानकारी के मुताबिक कोयला तस्करों द्वारा इजे एरिया के भौंरा फोर ए पैच, बंद थ्री पिट परियोजना व सुदामडीह एक्स पैच टू से बड़े पैमाने पर कोयला टपाया जा रहा है, जबकि लोदना एरिया में तिसरा थाना, अलकडीहा, लोदना ओपी व जोड़ापोखर थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चोरी हो रही है। एनटीएसटी जीनागोडा के छह व नौ नंबर साइडिंग, नॉर्थ तिसरा आउटसोर्सिंग पैच व विभागीय परियोजना, एनटीएसटी कोल डंप, जीनागोडा आउटसोर्सिंग एफ पैच परियोजना, जीनागोड़ा कोल डंप, रेलवे बैगन, जयरामपुर, बरारी व लक्ष्मी कोलियरी, बागडिगी बंद सुशी आउटसोर्सिंग परियोजना, कुजामा बंद आउटसोर्सिंग पैच, गोलकडीह डीपु धौड़ा से भी कोयला चोरी जारी है। सिंडिकेट द्वारा सुरुंगा, पहाड़ीगोड़ा, ताड़गाछ व पारबाद स्थित अवैध कोयला भट्ठा खोला गया है। उसी भट्ठा में चोरी का कोयला खरीदा जाता है। इसके बाद सिंडिकेट द्वारा ट्रक के माध्यम से बलियापुर, गोविंदपुर, बरवाअड्डा, बिहार के डेहरी ऑन सोन व दामोदर नदी पार बंगाल में खपाने के लिए भेजा जाता हैं। वहीं बस्ताकोला एरिया के दोबारी बीजीआर बंद परियोजना में अवैध उत्खनन, चांदमारी आउटसोर्सिंग से बीएनआर साइडिंग कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे हाइवा से सहाना पहाड़ी, दोबारी व बेरा के पास चढ़कर कोयला उतारना जारी है। चोरी का कोयला बोरी में भरकर आमटाल हाई स्कूल, लालकोठी, बेड़ा के भूईयां पट्टी, न्यू क्वार्टर, चांदमारी एवं खजूर बागन, के पास साइकिल व बाइक से जमाकर पिकअप वैन व 407 के माध्यम से पतरा कुल्ही, रानी रोड होते हुए अवैध भट्ठा में भेजा जाता है। कुसुंडा एरिया के ऐना, इस्ट बसुरिया आदि क्षेत्र की भी यही स्थिति है। कतरास-बाघमारा में अवैध मुहाने खोल कर हो रही है कोयले की चोरी कतरास कोयलांचल के सोनारडीह, तेतुलिया, चैतुडीह, अंगारपथरा, तेतुलमारी, निचितपुर सिजुआ, जोगता, लोयाबाद, बांसजोड़ा, महुदा के भाटडीह, बरोरा के विभिन्न बंद खदान, परियोजना से कोयला चोरी जारी है।बाघमारा, बरोरा, मधुबन थाना, खरखरी के सोनानागर पट्टी, खरखरी व बाबुडीह स्थित जंगल, फुलारीटांड़ आउटसोसिंग पैच, शताब्दी पैच, डेको बंद पैच, केशरगढ़, महुदा के भाटडी में अवैध कोल मुहाने को खोलकर निजी मजदूरों से कोयला निकाल कर बाघमारा के जमुनिया नदी किनारे डिपो, खरखरी जंगल स्थित डिपो में कोयला खपाया जाता था, जबकि बोकारो, धनबाद द्वारा अलग अलग कोयला डिपो का संचालन किया जाता है। कहां किस सिंडिकेट का चलता है सिक्का झरिया कोयलांचल में बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरी में अलग सिंडिकेट सक्रिय हैं, झरिया में मुख्य रूप से मुकेश, निशांत व यादव एंड कंपनी का सिंडिकेट सक्रिय है, वहीँ धनसार थाना क्षेत्र से बेड़ा के सुल्तान, इम्तियाज, विजय, सागर एवं कुछ स्थानीय युवकों की संलिप्तता अहम है। सिंडिकेट द्वारा कोकिंग कोल की खपत जहां स्थानीय हार्डकोक भट्ठों में की जा रही है, वहीं नन कोकिंग कोल के कोयले की बिक्री विभिन्न माध्यमों से बाहर की जा रही है।
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