Jamshedpur: कदमा के शास्त्रीनगर में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर प्रदेश भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी के नेतृत्व में बुधवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाक़ात की। राज्यपाल से मिले प्रतिनिधिमंडल ने 8 और 9 अप्रैल को जमशेदपुर के कदमा क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में उन्हें विस्तृत जानकारी दी और पूरे मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच कराने की मांग की।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने गिरफ्तार नेताओं को जल्द रिहा कराए जाने का भी आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल डॉ दिनेशानंद गोस्वामी, प्रदीप वर्मा सहित अन्य ने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर जमशेदपुर जिला प्रशासन ने रामनवमी के दौरान हिंदू समाज, विश्व हिंदू परिषद एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध दुर्भावनावश एवं भेदभावपूर्ण कार्रवाई की गयी।
ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि विगत 9 अप्रैल को जमशेदपुर स्थित कदमा के शास्त्रीनगर में उपद्रवी तत्वों द्वारा जटाधारी शिव मंदिर पर पथराव कर साम्प्रदायिक हिंसा फैलाई गई, उन्मादी तथा उपद्रवी तत्वों के पथराव से कई पुलिसकर्मी घायल हुए। 9 अप्रैल को ही कदमा में एक संस्था द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी से लौटकर सैकड़ों युवकों ने मंदिर पर हमला किया। इससे जाहिर है कि कुछ उपद्रवी तत्वों का शहर में साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने की पहले से मंशा थी।
राजभवन से निकलने के बाद मीडिया से बात करते प्रदीप वर्मा ने बताया कि कदमा प्रकरण में राज्य सरकार और जिला प्रशासन की संदिग्ध भूमिका के बारे में राज्यपाल को पूरी जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना कदमा में हुई और जिस तरह से अपरिपक्व तरीके से जिला प्रशासन ने इसे हैंडल किया, वह निराश करने वाला रहा। इस घटनाक्रम में हिन्दू समाज के लोगों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से साजिश हुई, जिस समय घटना हुई, हिन्दू समाज के लोग वहां नहीं थे।
कदमा प्रकरण में प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश के स्तर से पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गयी थी। समिति ने अपने जांच रिपोर्ट से राज्यपाल को अवगत करा दिया है। उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल ने जांच कर उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है। जांच समिति के संयोजक डॉ दिनेशानंद गोस्वामी थे। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद, पूर्व आईजी लक्ष्मण सिंह, जमशेदपुर के अध्यक्ष गुंजन यादव, अनिल मोदी, राकेश सिंह, लक्ष्मण टुडू, संजीव सिन्हा और राजेश सिंह शामिल थे।