रांची: नियोजन नीति को लेकर विधानसभा घेराव करने आये छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस ने छात्रों की भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। छात्र भी पुलिस-प्रशासन पर पत्थर फेंक रहे हैं। छात्रों ने जगन्नाथ मंदिर के पास लगे बैरिकेड को तोड़कर विधानसभा के बगल वाले खेत तक पहुंच गये हैं। पुलिस प्रशासन ने छात्रों को रोकने की कोशिश की। लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया ।इससे पहले छात्रों ने मंत्री मिथलेश ठाकुर के काफिले पर बोतल फेंकी थी। हलांकि इस घटना में मन्त्री मिथलेश ठाकुर बाल बाल बच गये।उन्हे चोट नही लगी।
विधानसभा घेरने से पहले शहीद मैदान में जुटे थे छात्र
विधानसभा का घेराव करने से पहले 500 की संख्या में छात्रों का जमावड़ा शहीद मैदान में लगा था ।यहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला भी गुजरा था।यहां यह सवाल उठ रहा कि आज के विधान सभा धारावाहिक की धारणा कल ही कर दी गई थी।पुलिस प्रशासन ने तैयारी की बात भी की थी ,इसके बाद भी उग्र छात्र तमाम सुरक्षा प्रबन्ध को भेद दिया और जोरदार हंगामा प्रदर्शन किया ।विधान सभा के सत्र अवधि में विधान सभा से जुड़ने वाले सभी सड़क पर बैरिकेडिंग की जाती है वहां पर दंडाधिकारी की तैनाती रहती है ।आज छात्र पहले शहीद मैदान में एकत्रित हुए और वहां से ही एक साथ विधान सभा भवन की ओर कुछ किया ।पुलिस ने उन्हे रोका नही ।जब छात्र विधान सभा के करीब पहुंच ने वाले थे तब छात्र और पुलिस की नोक झोंक शुरू हुई। लाठीचार्ज के बाद छात्र ने पथराव आरम्भ कर दिया तब आंसू गैस के गोले दागे गये।इस हंगामा में अफरातफरी मच गई।
हाल में ही झारखंड सरकार ने 60:40 का नियोजन नीति लेकर आयी है। इसके बाद रोस्टर में कई जिलों से ओबीसी आरक्षण को हटा दिया गया है। इस बात को लेकर विद्यार्थी नाराज हैं और लगातार सड़कों पर आंदोलनरत हैं। छात्रों का कहना है कि जिस सरकार ने पांच लाख नियुक्तियां करने की बात कही थी, वह नियोजन नीति तक स्पष्ट नहीं कर सकी है। सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी, उसे कोर्ट ने रद्द कर दिया। फिर जो नियोजन नीति सामने है, उसमें विसंगतियां हैं। वर्तमान की नियोजन नीति में राज्य के युवाओं के भविष्य की सुनिश्चितता नहीं है। बीते दो दिनों में जो वेकेंसी निकाली गई है, उसमें भी कई तरह की गड़बड़ियां हैं। राज्य सरकार ने जिलावार आरक्षण रोस्टर जारी किया है। उसमें भी विसंगतियां हैं।
मुख्यमंत्री हाउस घेराव का लिया था निर्णय
आज के विधानसभा घेराव से पहले 20 मार्च को सीएम हाउस घेराव की रणनीति थी लेकिन सरकार व प्रशासन के आग्रह पर एक दिन पूर्व ही मंत्री आलमगीर आलम व छात्र नेताओं की सकारात्मक वार्ता से आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। इस बीच 20 मार्च को ही जिलावार आरक्षण रोस्टर व 21 मार्च को सहायक प्रयोगशाला परीक्षा की वैकेंसी निकाल दी गयी। इसमें दिख रही गड़बड़ियों की वजह से राज्य के छात्र आक्रोशित हो गए। राज्य के विभिन्न जिलों में युवाओं ने 22 मार्च को जिलावार सरकार का पुतला दहन किया। हेमंत सोरेन की सरकार में बनी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021’ को 16 दिसंबर, 2022 को झारखंड हाई कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया।
क्या था नियमावली में प्रावधान
राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन संख्या-3849/दिनांक 10.8.2021 के माध्यम से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 लागू की थी। इस संशोधित नियमावली में कहा गया था कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक व इंटर उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा व परिवेश की जानकारी रखना अनिवार्य होगा लेकिन झारखंड राज्य के आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल कर दिया गया था। नियमावली में हिंदी व अंग्रेजी को भाषा की सूची से बाहर कर दिया गया था तथा उर्दू को क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की सूची में शामिल किया गया था।