Purnia: पूर्णिया-कोसी एयरपोर्ट की मांग के समर्थन पर आवाज बुलंद हो रही है। यह आवाज शहर से गांव मोहल्ले तक फैल गई है और कई संगठन एक साथ मार्च-बैठक और जुलूस का आयोजन भी कर रहे है। इस क्रम में गुरूवार को भी एयरपोर्ट लाने के समर्थन में कई संगठनो ने एक साथ पैदल मार्च निकाला, जिसमें हजारो लोग शामिल हुए। सभी हांथो में तख्तियां लिए थे, जिसमें एयरपोर्ट को लेकर स्लोगन लिखे थे। माइक के जरिए वी वांट एयरपोर्ट तथा पूर्णिया मांगे एयरपोर्ट के नारे लग रहे थे।
पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग के लिए पैदल मार्च निकालने वालों में कई संस्थाएं शामिल हुई जिसमें प्रेस क्लब पूर्णिया, आई एम ए ,चेंबर ऑफ कॉमर्स ,बार एसोसिएशन, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन, मिथिला स्टूडेंट यूनियन, जिला खेल संघ, वनवासी कल्याण केंद्र, आर्ट ऑफ लिविंग, तेरापंथ युवक परिषद ,मारवाड़ी महिला सम्मेलन, व्यवसायिक संघ गुलाब बाग ,,श्री राम सेवा संघ जिला साइकलिंग एसोसिएशन ,बालाजी सेवा संघ वीरांगना क्लब ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद युवा जागृति मंच ,पूर्णिया में एयरपोर्ट की युवा टीम ,मातृ शक्ति की टीम इत्यादि थी।
पैदल मार्च में शामिल हुए लोगों तथा महिलाओं का कहना था कि व्यवसाय, छात्र-छात्राओं के आगमन मरीजों के आने जाने यहां से उत्पादित हुए सामान बाहर से पूर्णिया को मिलने वाले सामानों की सुलभता आएगी एयरपोर्ट के पूर्णिया में आने से। लोगों का कहना था कि राजनीति को एक तरफ रखा जाए और पूर्णिया के विकास को एक तरफ रखा जाए ।राज्य सरकार इस में रोड़े अटका रही है ।केंद्र ने अपना काम कर दिया है ।कई लोगों ने कहा कि बिहार सरकार से आरटीआई से जब जवाब मांगा गया तो उस जवाब से यही लगा कि बिहार सरकार की मंशा एयरपोर्ट के मामले में ठीक नहीं है ।फिर भी लोगों ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर पूर्णिया की जनता के लिए राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार को सोचना चाहिए।
इस यात्रा में लगभग 2000 से ज्यादा पुरुष तथा महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। इस यात्रा में अपने पिता के साथ आए नन्हे नन्हे बच्चे हाथों में तख्ती लिए चल रहे थे तो दूसरी ओर दिव्यांग बंधु अपनी तीन पहिए की गाड़ी पर हाथों में तख्ती लिए अपनी ट्राई साइकिल सरका रहे थे पैदल मार्च के साथ तो एक अलग ही जज्बा दिखाई पर रहा था ।यह यात्रा पूर्णिया लाइन बाजार स्थित रेनू उद्यान से शुरू होकर लाइन बाजार, शिव मंदिर होते हुए रजनी चौक लखन चौक से आर एन साव चौक पर जाकर समाप्त हुई ।