बेतिया(पश्चिम चंपारण)। शराब बंदी के निमित जिले में क्रियान्वित सभी कार्यो की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में शनिवार को संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता मध निषेध विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने की। अपर मुख्य सचिव पाठक ने मामले में दर्ज कांडो तथा गिरफ्तारी, वाहनो की जब्ती, देशी विदेशी शराब की जब्ती, ब्रेथ एनलाइजर से जांच, वाहनो की नीलामी सहित शराब पीने वालो की गिफ्तारी और उसकी निशानदेही पर सप्लाई चेन तोड़ने की कार्रवाई की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। जिले के डीएम कुंदन कुमार ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से मध निषेध को लेकर किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। इस पर संतोष प्रकट करते हुए अपर मुख्य सचिव ने आवश्यक दिशा निर्देश को कारगर तरीके से क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मद्य निषेध को लेकर लगातार छापेमारी अभियान, पेट्रोलिंग करने और गिरफ्तारी में तेजी लाने की आवश्यकता है। उत्पाद विभाग एवं पुलिस अधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर पैनी नजर बनाकर रखनी है। ऐसे स्थलों पर नियमित छापेमारी, गिरफ्तारी की जाय। उन्होंने कहा कि ब्रेथ एनालाईजर से लगातार जांच करायी जाय। जिले में चिन्हित हॉटस्पॉट पर सतत निगरानी रखी जाए। चेकपोस्ट के माध्यम से प्रत्येक आने-जाने वाले वाहनों तथा चालकों एवं यात्रियों की जांच की जाय। चालकों की जांच में ब्रेथ एनालाइजर का उपयोग किया जाय।
शराब पीने वाले को पकड़ने पर उनसे सप्लाई चेन की जानकारी लें, पीने वाले की निशानदेही पर पिलाने वाले तक पहुंचें और उसे गिरफ्तार करें। उन्होंने कहा कि पीने वाले की निशानदेही पर पिलाने वाले को पकड़ने से सप्लाई चेन को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए ठोस कारगर कार्रवाई करें। इस कार्य में आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि लोक अभियोजकों को मद्य निषेध से संबंधित मामलों के ट्रायल में तेजी लाने का निदेश दिया।
उन्होंने लोकअभियोजकों से कहा कि मद्य निषेध को लेकर अभियुक्तों को सजा दिलाने में सरकार का पक्ष मजबूती से रखे तथा त्वरित गति से ट्रायल चलवा कर दोषियों को सजा दिलाएं और निर्देश दिया कि होमियोपैथी, आयुर्वेदिक, एलोपैथी की थोक एवं खुदरा दुकानों की नियमित जांच करायी जाय।निरीक्षण के क्रम में स्टॉक रजिस्टर वेरिफाई करें तथा कार्रवाई करें। इसके साथ ही पेंट फैक्ट्री, ट्रांसपोर्ट, कुरियर कंपनी की भी समय-समय पर जांच करायी जाय।