पटना। भाजपा विधायको ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सोमवार को जहरीली शराब से मौत मामले में सरकार को कटघरे में खड़ाकर जमकर प्रदर्शन किया। विधायको के हंगामे के बाद विधानमंडल की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही भाजपा ने जहरीली शराबकांड में प्रभावित परिवारो को मुआवजा की मांग को लेकर सदन से वॉकआउट कर दिया।
भाजपा विधायको के बाहर निकलने पर जहरीली शराब से मरे लोगो की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन धारण किया गया। आज सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायको ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। विधायको ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने मार्शलों से कहा कि सभी विधायकों के हाथ से पोस्टर ले लिए जाएं। भाजपा विधायकों ने टेबल पटक दिया। हंगामा शांत नहीं होने पर विधानसभा को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। कुछ देर बाद विधान परिषद भी ढाई बजे के लिए स्थगित कर दिया।
दूसरी ओर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि जहरीली शराब से मरे लोगों के परिवारों को मुआवजा मिले। जो मरे हैं उनके लिए शोक प्रस्ताव पारित किया जाए। मेरे ऊपर आरोप लगा था कि मेरे रिश्तेदार के यहां शराब बरामद हुई है, ये गलत है, वो जदयू के सदस्य हैं। सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि अध्यक्ष महोदय आपको बधाई देता हूं कि मेरे 50 मिनट के भाषण में 113 बार आपने मुझे टोका है।
उधर, लेफ्ट पार्टियों के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग मिलने पहुंचे। उन्होंने सारण जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। इस पर नीतीश ने कहा कि आप लोग मुआवजा मांगेंगे तो फिर सब कहेंगे कि आप लोग भाजपा के साथ मिल गए। इस पर लेफ्ट पार्टियों के नेताओं ने कहा नहीं मांगेंगे मुआवजा। विधानसभा में बिहार सरकार के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने छपरा जहरीली कांड मामले में केवल 38 व्यक्तियों की मृत्यु होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सरकार हर मामले की जांच करी रही है, जो भी जांच रिपोर्ट आएगी उस अनुसार कार्रवाई होगी ।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा विधायकों को चेताया। उन्होंने कहा कि आप सभी सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। ऐसा ही रहा तो मैं आप सभी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता हूं। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जो विपक्ष के नेता तस्वीर दिख रहे हैं, मुझे नहीं पता है, कौन क्या है लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि जो भी शराब के धंधे लिप्त होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सरकार इस मामले पर सजग है।
उल्लेखनीय है कि पांच दिनों के इस सत्र में विपक्षी भाजपा ने लगातार जहरीली शराब को लेकर हंगामा किया। लेकिन, इस हंगामे के बीच में सरकार ने अपने विधायी कार्यों को पूरा कर लिया। हालांकि इस पूरे विधानसभा सत्र में आम जनता के सवाल नहीं आ पाए। प्रश्नकाल, तारांकित, अल्पसूचित प्रश्न, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण जैसे मसलों पर विधानसभा में चर्चा नहीं हुई। विधेयक, विनियोग जरूर पास किए गए। लेकिन, जनता के सवाल को लेकर सरकार के जवाब विधानसभा में नहीं आए।