चतरा। अफ़ीम तस्करी के आरोप में जेल में बंद पत्थलगड्डा थाना क्षेत्र के जोरी मेराल गांव के राजू तुरी की मौत रविवार की सुबह सदर अस्पताल में हो गयी। वह एक माह से जेल में बंद था। राजू की मौत की जानकारी मिलने पर उसके परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी देवंती देवी ने जेल प्रबंधन को मौत का जिम्मेदार बताया है। पत्नी देवंती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अफीम तस्करी के आरोप में एक माह से उनके पति जेल में बंद थे। इस दौरान कभी भी इन्हें कोई बीमारी नहीं हुई थी। आज रविवार की सुबह उन्हें 03 दिसंबर को जारी एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी गयी कि उनके पति बीमार हैं और उनका ईलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है। जब वे लोग सदर अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि उनके पति राजू तुरी की मौत हो चुकी है । उसने कहा कि जेल प्रशासन की लापरवाही से राजू की मौत हुई है। परिवार वालों ने इस मामले की जांच करने की मांग की है।
दूसरी ओर जेल अधीक्षक माणिक चंद राम ने बताया कि मृतक को पूर्व से ही किडनी से सम्बंधित बीमारी थी। एक माह पूर्व 22 नवंबर को मृतक को बुखार हुआ था। इसका इलाज अस्पताल में करवाया गया था। उन्होंने बताया कि चिकित्सक ने बताया था कि मृतक क्रोनिक किडनी डिजीज का मरीज था। इसका क्रेटीनेन लेबल 17.1 पाया गया था। जेल अधीक्षक ने प्रबंधन पर लगे आरोपो का खंडन करते हुए बताया कि बंदी राजु तूरी को जब भी कोई तकलीफ हुई हमेशा परिजनों को जानकारी दी गयी है। राजू के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गयी। मेडिकल बोर्ड टीम में डॉ अरविंद केशरी, डॉ संजय सिद्धार्थ और डॉ राहुल शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि राजू पत्थलगड्डा थाना क्षेत्र के मेराल गांव निवासी धनेश्वर तुरी का पुत्र था। दो नवंबर को पत्थलगड्डा पुलिस ने उसके घर से छापेमारी कर दो किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया था।