रांची। झारखंड मे ब्यूरो क्रेट के द्वारा अनियमितता भ्रष्टाचार की लगातार खबर प्रकाश में आ रही है । खनन घोटाला में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का मामला अभी ठंढा भी नहीं पड़ा था कि डीएमएफटी ( डिस्ट्रीक्ट मिनिरल्स फाउंडेशन ट्रस्ट घोटाला) सामने आया है। इसके लिए आईएएस अधिकारी अबू इमरान को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। अबू इमरान के खिलाफ अब जांच होगी। मालूम हो कि अबू इमरान वर्तमान समय मे चतरा के उपायुक्त हैं।
इमरान जब लातेहार उपायुक्त थे तब डीएमएफटी की राशि से पंचायतों में तालाबों का निर्माण कराया था। बताया जाता है कि बीस-बीस लाख रुपये के तलाब बनाने का काम बिना टेंडर अपने लोगों को दे दिया। माल्हन पंचायत में साढ़े 19 लाख रुपये से तालाब बनाने की मंजूरी दी गयी थी। लेकिन वहां कोई काम नहीं हुआ और दस लाख रुपये की निकासी कर ली गयी। इसी प्रकार गनियारी गांव में 19 लाख 61 हजार रुपये में तालाब निर्माण योजना को मंजूरी दी गयी थी। वहां एक नदी के बगल में सिर्फ गड्ढ़ा खोदकर एक तरफ मेढ़ नहीं के बीच को बना दिया गया और लगभग दस लाख की निकासी कर ली गयी। इसमें मजदूरों को मजदूरी तक नहीं दिया गया।
इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कमिश्नर तक की। इसके बाद इन आरोपों पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। इसी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई निर्भर है। ग्रामीणों ने आईएएस अबू इमरान पर एक खास समुदाय को मदद करने का भी आरोप लगाया है।पुर्व मे भी अबू इमकान पर पक्ष पात करने का आरोप लग चुका है।
सूत्र बताते हैं कि जहां-जहां तालाब खोदा गया वहां के जमीन मालिक, मजदूर और ट्रैक्टर मालिकों को भी किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है। नियमानुसार डीएमएफटी की राशि से होने वाले विकास कार्यों के लिए पूर्ण रूप् से जिले के उपायुक्त ही जिम्मेवार होते हैं।