पटना। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाए हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सजायाफ्ता लालू यादव और उनके बेटे के पद चिह्नों पर चलते हुए बिहार में बैक-टू-बैक आधा दर्जन से अधिक नियुक्ति घोटाला किया है। बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तब से राज्य में कोई काम नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने जिन-जिन पदों पर नियुक्ति पत्र बांटे हैं उसकी पूरी प्रक्रिया एनडीए के कार्यकाल में ही पूरी हो चुकी थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी वाह वाही के लिए महागठबंधन के शासन काल में नियुक्ति पत्र बांटे हैं। नियुक्तियों की तारीख गिनाते हुए उन्होंने कहा कि नौ नवंबर को सरकार ने पंचायती राज विभाग के जिन 3127 पंचायत सचिवों को नियुक्ति पत्र दिया, उसका 26 जून को ही रिजल्ट आ गया था। 15 जुलाई को विभाग ने ज्वाइनिंग लेटर देने का आदेश भी निकाल दिया लेकिन समय बदलते हुए नीतीश-तेजस्वी ने अपनी सस्ती लोकप्रियता के कारण इसमें देरी की और बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ मजाक किया।
उन्होंने नियुक्ति घोटाले की गिनती करवाते हुए कहा कि यही नहीं नीतीश कुमार ने 20 सितंबर को जिन राजस्व कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिया, उसका पूरा ब्योरा दो अगस्त को ही संबंधित विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था, जिसके बाद हमारे पार्टी के नेता और विभाग के पूर्व मंत्री ने जिलाधिकारी के माध्यम से सभी को नियुक्ति पत्र देकर 8 अगस्त को कर्मचारियों को जिला आवंटित करा दिया लेकिन नीतीश ने फिर से सभी कर्मचारियों के साथ मजाक किया।
22 अक्टूबर को 9469 स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने की पोल खोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री के कार्यकाल में ही एएनएम के 8517, जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर के 26, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के 190 और काउंसलर के 579 पदों के लिए परीक्षा हुई और 30 जुलाई 2022 को इसका रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया था। फिर भी 22 अक्टूबर को 9469 स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र देकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने अपनी वाह वाही करवायी।
सम्राट चौधरी ने 14 नवंबर को जल संसाधन विभाग की ओर से 1006 लोगों को नियुक्ति पत्र देने और 16 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में 10,459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र देने की सच्चाई को भी तारीख वार बताया। 1006 लोगों को नियुक्ति पत्र देने पर उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति प्रक्रिया 26 जून को खत्म हो चुकी थी। 10,459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया गया लेकिन ये सभी पुलिसकर्मी जुलाई महीने से योगदान दे चुके हैं। उनकी ड्यूटी भी लगी है और वेतन भी मिल रहा है।