नवादा। एम्बुलेंस के अभाव में एक महिला ने नदी किनारे ही एक बच्चे को जन्म दे दी। हलांकि कुछ ही देर बाद नवजात की मौत हो गई। इसके बाद मायूस परिजन प्रसूता को वापस घर ले आए। मामला जिले के गोविंदपुर इलाके की है। इस घटना से जिले में संस्थागत और सुरक्षित प्रसव के दावे की पोल खुल गई। जानकारी अनुसार गोविंदपुर के सरकंडा गांव की सीमा देवी को प्रसव पीड़ा हो रही थी। इसके बाद उसके परिजन एम्बुलेेंस के लिए 112 नंबर पर डायल कर संपर्क किया। पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हुआ। इससे परेशान परिजन एक बाइक से महिला को अस्पताल ले जाने लगे।
गोविंदपुर पीएचसी लाने के क्रम में सकरी नदी पार करने के दौरान महिला की प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई। इस दौरान बाइक भी नदी में फंस गई। जिसके बाद महिला ने गोविंदपुर ऊपर बाजार के पास नदी किनारे ही बच्चे को जन्म दे दी। कुछ देर बाद नवजात की मौत हो गई। बाद में परिजन प्रसूता को वापस घर लेकर चले गए।
परिजन को रोते बिलखते देखकर राहगीरों की भीड़ लग गई। नवजात बच्ची की मौत की जानकारी मिलते ही लोगों में आक्रोश उभर आया। प्रसूता की सास सुमा देवी, गोतनी तारो देवी के अलावे ग्रामीण सुनैना देवी, फूला देवी किरण देवी ने बताया की सीएचसी ले जाने के लिए 112 पर फोन किया गया था, लेकिन सही से बात नहीं हो पाई। जिसके कारण मोटरसाइकिल पर बैठाकर नदी पार करते हुए सीएचसी ले जाया जा रहा था। लेकिन बीच नदी में ही बच्ची का जन्म हो गया। पुनः एक बार 112 पर एंबुलेंस के लिए फोन किया गया फिर भी कोई रिस्पांस नहीं मिला।कड़ी धूप रहने के कारण नवजात बच्ची की मौत हो गई।
ग्रामीण कारू राजवंशी, सुदेश राजवंशी ने बताया कि सकरी नदी पर पुल रहता तो आज नवजात की मौत नहीं होती, एंबुलेंस से सीएचसी पहुंचाया जाता लेकिन नदी में पुल नहीं रहने के कारण बड़ी घटना घट गई।इस घटना के बाद जिले में संस्थागत और सुरक्षित प्रसव के दावे की पोल फिर से खुल गई है।