रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमन्त सरकार को कुछ दलाल और बिचौलिए किस्म के लोग चला रहे हैं। वे सत्ता में बैठे लोगों से भी ज्यादा प्रभावशाली हैं। उनके सामने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की एक नहीं चलती है। बाबूलाल शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन हो या अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, सभी काम इस सरकार में दलालों और बिचौलिए के माध्यम से हो रहा है। बाबूलाल ने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग में आपने देखा होगा कि एक दिन नोटिफिकेशन निकलता था और दूसरे दिन उसे बदल दिया जाता है। जाहिर है कोई शक्ति सरकार में काम कर रही थी जो यह बदलाव करवाती थी। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि वह बदलाव बिना लेन देन के नहीं होता था।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब ईडी ने मुख्यमंत्री को समन भेजा तो कहते हैं कि वह आदिवासी हैं, इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। आदिवासी हैं तो क्या आपको झारखंड को लूटने के लिये छोड़ दिया जाय। पूर्व सीएम ने सवाल उठाते हुए कहा कि जनता ने मेंडेट आपको राज्य का विकास करने के लिए दिया था लूटने के लिए नहीं।
बाबूलाल ने कहा कि जब भाजपा सरकार के गलत कार्यों के खिलाफ आंदोलन का एलान करती है तो मुख्यमंत्री उन्हें धमकी देते हैं। यह तो इनकी फितरत है। कहते हैं पता करो कौन कौन आंदोलन में शामिल होता है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता किसी की गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं हैं। सरकार के विरोध में आवाज उठाने वालों के खिलाफ हेमन्त सोरेन कार्रवाई करते हैं, जो अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाते था उसे जेल भेजा जा रहा है।
बाबूलाल ने कहा कि सीएम कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री हैं, उनसे समन करने से पहले कार्यक्रम की जानकारी लेनी चाहिए थी। उन्हें यह भी याद होना चाहिए कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी से भी एसआईटी ने 10- 10 घंटे पूछताछ की है। हमने हमेशा संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान किया है लेकिन ये संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं कर उसे धमकी दे रहे हैं।
मरांडी ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा की मैँने डेढ़ साल पहले ही इस सरकार को साहेबगंज में खनिज पदार्थों की अवैध खनन और लूट के सम्बंध में विपक्षी दल होने का धर्म निभाते हुए पत्र लिखकर,ट्विटर ,फेसबुक तथा प्रेस के माध्यम से आगाह करते रहने की कोशिश की थी लेकिन यह सरकार मेरी बातों को गंभीरता से नही ली और लूट की घटना को होने दी। सरकार के संरक्षण में रात्रि समय जल मार्ग से माल ढुलाई की नियम को भी धत्ता बताते हुए ढुलाई होने दिया गया। उसका नतीजा है आज साहेबगंज की खनिज पदार्थों की लूट की कहानी। केवल एक जिला में एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला।