चतरा। आम्रपाली कोल परियोजना में 83 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले के मामले में सीबीआई की टीम ने टंडवा स्थित पीओ कार्यालय में सीबीआई की टीम छापेमारी की। छापेमारी की सूचना पर सीसीएल में हड़कंप मच गया। सीबीआई की टीम सीसीटीवी फुटेज सहित डिस्पैच से संबंधित दस्तावेजो की जांच की। इस दौरान 2019 से लेकर 2021 तक के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को लगभग छन घंटे खंगाला। शाम पांच बजे तक आफिस के कंट्रोल रुम मे बैठ कर हाईवा और ट्रक से होने वाली डिस्पैच को बारीकी से खंगाला।
उल्लेखनीय है कि मगध-आम्रपाली कोल परियोजना के आम्रपाली प्रोजेक्ट से 87574.3154 मीट्रिक टन कोयला चोरी का सनसनीखेज मामले में सीबीआई ने 27 अगस्त, 2021 में सीसीएल के अधिकारियों और ट्रांसपोर्टिंग कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस दौरान अभियुक्तों के ठिकानों से कोयले में की गड़बड़ी से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे। सीबीआइ ने कोलकाता और गुजरात से जुड़े अभियुक्तों के ठिकानों से व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित दस्तावेज और कंप्यूटर आदि जब्त किये थे।
क्या है मामला-
कोयले की चोरी की सूचना पर सीबीआई के एसीबी और सीसीएल के विजिलेंस ने औचक छापेमारी की तो कोयला का स्टॉक 30 अगस्त, 2019 को 1804004 मीट्रिक टन था लेकिन जांच में कोयले का स्टॉक महज 928229 मीट्रिक टन मिला। इस तरह कोयला स्टॉक का 48.54 फीसदी स्टॉक गायब मिला। इस तरह कोयले की चोरी से 83 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ। सीबीआई ने प्रोजेक्ट आफिस, एजीएम, स्टाफ आफिस माइनिंग, कोलियिरी सर्वेयर, एरिया सर्विस अफसर और ट्रांसपोर्टर को आरोपित किया है।
आउटसोर्सिंग मां अंबे व नकास ट्रांसपोर्टिंग कंपनी परियोजना क्षेत्र में कोयला का उत्पादन के साथ-साथ ट्रांसपोर्टिंग भी करती थी।दोनों कार्य एक ही कंपनी द्वारा किए जाने से बगैर कांटा कराए रेलवे साइडिंग ढुलाई करती थी। इसमें लगभग पांच सौ रैक कोयला गबन किया गया है।