रांची। राज्य के कई इलाको में अंध विश्वास सर चढ़कर बोल रहा है। इसके कारण समाज को जान माल की क्षति उठानी पड़ रही है। जागरूकता के प्रयास के बाद भी इधर झारखंड के कई जिलो से दिल दहलाने वाली घटनाएं सामने आ रही है। कंडू थाना क्षेत्र के हेसादाग गांव में दो परिवारो पर डायन बिसाही का आरोप लगाकर बकायदा उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। दाेनो परिवार के लोगो को सार्वजनिक स्थल से पानी भरने पर रोक लगा दी गई है। ग्रामीण इन परिवार के लेागो से बातचीत करना भी छोड़ दिया है। बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित परिवारो में छूटू मुंडा और दुर्गा मुंडा का परिवार है।
पीड़ित परिजनों ने बुंडू थाने में शिकायत दर्ज करायी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस हेसादाग गांव पहुंच कर पीड़ित परिजन और गांव वाले को थाना बुलायी है। छूटू मुंडा की पत्नी का कहना है कि गांव के सभी लोग अपने-अपने घर से चावल लेकर ओझा-गुणी के पास गये थे। ओझा-गुणी ने छूटू मुंडा के परिजनों को डायन होने की बात बता दिया। इसके बाद हेसादाग के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से बैठक कर डायन का आरोप लगे छोटू मुंडा के परिजनों को खस्सी दंडित कर माफ कर दिया। कुछ साल के बाद फिर गांव में लोग बीमार होने पर फिर ओझा-गुणी का सहारा लिया। इसमें भी ओझा-गुणी ने छोटू मुंडा के परिजनों को डायन बता दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने इस परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।
दूसरी ओर हेसादाग गांव के एक और परिवार दुर्गा मुंडा ने बताया है कि उनके परिवारों को भी ग्रामीणों ने डायन बताकर सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। बैठक का उनके पास प्रमाण भी है। हेसादाग गांव के दुर्गा मुंडा के अनुसार सात माह से अधिक समय से गांव वाले सामूहिक बहिष्कार कर रखा है। मामले को लेकर बुंडू पुलिस में शिकायत की गई है। सोनाहातू में हुए घटना के बाद पुलिस हेसादाग गांव पहुंच कर पीड़ित परिजन और गांव वालों को थाना बुलाया है। एसडीपीओ अजय कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों को बुलाया गया है। मामले की जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को सोनाहातु के राणाडीह गांव में डायन-बिसाही का आरोप लगाकर तीन महिलाओं की हत्या कर दी गई थी।