बेगूसराय। बीती रात गढ़पुरा प्रखंड के मध्य विद्यालय कुम्हारसो में स्थापित आवासीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय को खिड़की से निकलकर 12 छात्राएं फरार हो गई। हालांकि इसकी सूचना मिलने पर पहुंचे प्रधानाध्यापक ने सभी छात्राओं को आधी रात के बाद करीब तीन बजे वापस विद्यालय में ले आए। इसके बाद सभी को अभिभावको के साथ घर भेज दिया। इस घटना में कर्मियों की लापरवाही खुलकर सामने आयी।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि बखरी प्रखंड के महादलित बहुल्य गांव बागवन की 12 छात्रा का नामांकन कस्तूरबा विद्यालय कुम्हारसों कराया गया था। किसी का भी मन इस आवासीय विद्यालय में नहीं लग रहा था। जिसके कारण सभी ने विद्यालय से भागने का प्लान बनाया, रात करीब डेढ़-दो बजे दो मंजिला कमरे में रह रही यह सभी 12 छात्राएं कमरे की टूटी खिड़की से रेलिंग के सहारे जान की बाजी लगाकर नीचे उतर गई एवं कैंपस में स्थित पेड़ पर चढ़कर चारदीवारी पार कर बाहर निकल गई।
रास्ते में कुंवरटोल गांव के लोगों ने जब एक साथ इतनी छात्राओं को देखा तो पूछताछ किया, लेकिन इन लोगों ने घर जाने की बात कही। इसके बाद आगे बढ़ने पर सोनमा के ग्रामीणों ने जब इन सभी छात्राओं को सुबह करीब तीन बजे पैदल जाते देखा तो मोबाइल से मामले की सूचना प्रधानाध्यापक नवल किशोर मुखिया को दिया।
मामले की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया तथा आनन-फानन में पहुंचे प्रधानाध्यापक ने सभी छात्राओं को विद्यालय से चार-पांच किलोमीटर दूर सोनमा पैक्स भवन के समीप से वापस लाया। विद्यालय लाने के बाद उनके अभिभावकों को बुलाया गया एवं कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद विद्यालय से नाम काटकर सभी को घर भेज दिया गया है।
घटना के बाद विद्यालय की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। शिक्षा विभाग द्वारा इन बच्चों की सुरक्षा के लिए गार्ड राजेश रजक को नियुक्त किया गया है तथा आवासीय विद्यालय में वार्डन अंजना कुमारी, शिक्षिका पूनम कुमारी एवं अनुदेशक रेणु कुमारी को भी रात में रहना है। लेकिन सभी लोग विद्यालय में उपस्थित भी बताए जा रहे हैं, लेकिन भागने में एक घंटा से अधिक समय लगने के बावजूद किसी को पता नहीं चला, जो कि सुरक्षा एवं व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।