पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान के बाद बिहार की सियासी तापमान गर्म हो गई है। जदयू के आंतरिक कलह की आंच भाजपा और लोजपा तक पहुंच गई है। नीतिश कुमार के एनडीए से अलग होने की चर्चा है। जदयू सहित राजद व कांग्रेस ने 9-10 जुलाई को सभी विधायको को पटना बुलाया है। ललन सिंह की ओर से रविवार को लोजपा अध्यक्ष के उपर दिए गए बयान का जवाब चिराग पासवान ने सोमवार को देते हुए कहा कि क्या उपेंद्र कुशवाहा साल 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग मॉडल के प्रतीक नहीं है। मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा ने उस समय जदयू से अलग चुनाव लड़े थे।
लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार को सिर्फ मुख्यमंत्री कैसे बने रहें, इस बात की चिंता है। उन्हें विकास से कोई मतलब नहीं है। वह विकास पुरूष नहीं पलटूराम है। जबकि चिराग मॉडल तो विकास का मॉडल है। बिहार की 32 लाख जनता ने हमें सपोर्ट किया। उनका मॉडल क्या है, यह उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने सीएम नीतीश से सवाल किया कि 2015 में आप जिनके साथ गए थे तब जंगलराज याद नहीं था। किसने तैयार किया चिराग मॉडल . जेडीयू इस सवाल का जवाब दें।कितना इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चिराग किसी का मॉडल है तो वो रामविलास पासवान का था। जीते जी रामविलास पासवान को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। मेरी पार्टी और परिवार को नीतीश कुमार ने तोड़ा और आज खुद ही पार्टी टूट रही है तो बहाना बना रहे हैं। क्या नीतीश कुमार चाहते हैं उन्हें पलटूराम की तरह याद करें।
उल्लेखनीय है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर रविवार को निशाना साधते हुए जदयू के वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में सीटें घटने का कारण साजिश बताया था। ललन सिंह ने चिराग मॉडल का नाम देकर कहा था कि जदयू का जनाधार नहीं घटा है बल्कि चिराग मॉडल से हमें कमजोर करने की साजिश रची गई थी। अब वैसी ही साजिश आरसीपी सिंह के रूप में थी जिसे ललन सिंह ने चिराग मॉडल-2 नाम दिया था।