पटना। जेपी आंदोलन के सिपाही और बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की पटना में इलाज के क्रम में सोमवार की सुबह मौत हो गई। वे बिहार के कृषि मंत्री रहे थे और उनके बेटे फिलहाल नीतिश मंत्रिमंडल में मंत्री है। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत और उनके पैतृक जिले जमुई में शोक व्याप्त हो गया। नरेंद्र सिंह के लीवर के उपर गांठ की समस्या होने के बाद 29 मार्च 2022 को नई दिल्ली स्थित एम्स में ऑपरेशन हुआ था।
बिहार के जमुई जिले से आने वाले नरेंद्र सिंह जेपी आंदोलन के वक्त से राजनीति में सक्रिय हुए। उन्होंने कई बार यहां के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। नीतीश सरकार में अलग अलग विभागों के मंत्री भी रहे। लालू प्रसाद यादव से लेकर नीतीश कुमार तक के साथ उन्होंने सियासत की नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में वह मंत्री भी बने, लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ चले गये। राजपूत समाज से आने वाले नरेंद्र सिंह का राजपूत बिरादरी की राजनीति में विशेष प्रभाव था। उनके निधन की खबर से पैतृक जिले जमुई में भी शोक है।
लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ नरेंद्र सिंह आपातकाल के समय से ही जुड़े थे। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी राजनीति जीवन को गति दी और अपने जीवन में बिहार में सक्रिय राजनीति करते रहे। लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच उपजे विवाद के बाद उन्होंने नीतीश कुमार का साथ दिया। बिहार की राजनीति में ऐसा कहा जाता है कि नरेंद्र सिंह उन कुछ खास लोगों में रहे जिन्होंने नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने के लिए लम्बा संघर्ष किया। वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र सिंह भी उनके साथ रहे।बाद में वह नीतीश सरकार में कृषि मंत्री भी रहे। 2020 में जब जदयू ने नरेंद्र के दोनों बेटों को टिकट नहीं दिया तब उन्होंने अपने बेटे सुमित ने निर्दलीय उतारा और जीत हासिल की।
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन के बाद दिवंगत पूर्व मंत्री के अंतिम दर्शन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को नरेंद्र सिंह के बेटे मंत्री सुमित सिंह के 8 पोलो रोड स्थित सरकारी आवास पहुंचे। जहां उन्होंने स्वर्गीय नरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा वे एक कुशल राजनेता और समाजसेवी थे। सीएम नीतीश ने ये भी कहा है कि नरेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।
अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा है कि वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। वे 1974 के जेपी आंदोलन के प्रखर सेनानी और हमारे पुराने साथी थे। सामाजिक कार्यों में भी उनकी गहरी अभिरूचि थी। वे अपने क्षेत्र में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से दुख पहुंचा है और मैं मर्माहत हूँ। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नरेंद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। नरेंद्र सिंह को एक राजनैतिक योद्धा बताते हुए जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनकी कमी बिहार के राजनीतिक जगत को हमेशा खलेगी।
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन सिंह) ने शोक व्यक्त किया है।राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदना जतायी है। उन्हाेंने अपने ट्वीट करत हुए लिखा है- बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्री नरेंद्र बाबू के निधन की खबर दुःखद है। 1974 के जेपी आंदोलन काल से मेरा उनसे व्यक्तिगत संबंध रहा है। भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक-संतप्त परिजनों के लिए संबल की प्रार्थना करता हूं। उनके निधन से बिहार ने एक जमीनी नेता खो दिया है।ॐ शांति