लखनऊ।
अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी। 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के मामले में 27 साल बाद अदालत का फैसला आएगा। इस मामले में सीबीआई ने चार्जसीट में 49 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसमें 17 लोगों की मौत हो चुकी है, वही बाकी बचे 32 आरोपियों के भविष्य पर अदालत को फैसला सुनाना है। आरोपियों में भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय जैसे चर्चित नाम शामिल है।
फैसले के वक्त सभी आरोपियों को अदालत में मौजूद रहना होगा। सीबीआई की अदालत ने विवादित ढांचा मामले में सभी 32 आरोपितो के बयान दर्ज करके मामले के सभी कार्यवाही पूरी कर ली थी। आरोपी बनाए गए लोगों ने अदालत के समक्ष अपने को बेकसूर बताते हुए साजिश के तहत फंसाने की बात कही थी। सीबीआई ने केस परीक्षण के दौरान 351 गवाह और लगभग 400 दस्तावेजी सबूत कोर्ट में पेश किए गए। मामले में सीबीआई की अदालत ने बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 1 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई करने वाली विशेष सीबीआई अदालत की समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया था।