रांची। भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है। मरांडी घुसपैठियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर राज्य सरकार की ओर से दिये गए हलफनामे पर बोल रहे थे। प्रदेश कार्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से गोलमटोल जवाब सुप्रीम कोर्ट में दिए हैं उससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार घुसपैठियों के पक्ष में खड़ी हो गई है।
उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार द्वारा राज्य से अवैध घुसपैठियों को बाहर करने की याचिका का विरोध करने की खबर अखबारों की सुर्खियां हैं। सच्चाई यह है कि झारखंड में बढ़ते घुसपैठ से राज्य में जनसंख्या असंतुलन, डेमोग्राफिक बदलाव बड़े पैमाने पर हुआ है। विशेषकर राज्य के संथालपरगना क्षेत्र में । इस क्षेत्र के साहेबगंज, पाकुड़ जिला तो घुसपैठियों से भरा पड़ा है। इन घुसपैठियों में बांग्लादेशी एवम रोहिंग्या शामिल हैं। इन घुसपैठियों का राज्य के रोजी रोजगार पर कब्जा बढ़ रहा है अवैध उत्खनन में शामिल हैं।
मरांडी ने कहा कि घुसपैठिये मवेशियों की तस्करी के साथ बांग्लादेश तक अवैध व्यापार को चला रहे। गलत तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर ऐसे लोग संथालपरगना के आदिवासियों, मूलवासियों का हक छीन रहे है। लेकिन राज्य सरकार घुसपैठियों को वोट बैंक बना रही। मरांडी ने कहा कि इन घुसपैठियों पर कार्रवाई करने, इनकी पहचान कर देश से बाहर निकालने के सवाल पर वर्ष 2017 में उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों को अपना पक्ष रखने को कहा गया था। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए न्यायालय में इसका गोलमटोल जवाब दिया। आज राज्य सरकार के इसी मानसिकता का दुष्परिणाम है कि राज्य में धार्मिक जुलूस पर हमले हो रहे।