देवघर। देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे से हादसे में फंसे हुए 48 लोगों में सोमवार शाम छह बजे तक 33 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। इस हादसे में तीन लोगों की जान चली गई। इनमें एक महिला की मौत की पुष्टि हुई है जबकि अन्य दो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। सोमवार शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन में एयरलिफ्ट के दौरान स्लिप कर जाने से एक व्यक्ति की गिरकर मौत हो गई है। अंधेरा होने के कारण आज का रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है। अब भी 12 लोग फंसे हुए हैं जिनके बचाव के लिए कल सुबह से अभियान चलाया जाएगा।
वायुसेना और एनडीआरएफ ने सोमवार दोपहर 12 बजे एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था। युद्ध स्तर पर चलाये गए अभियान के दौरान एक व्यक्ति की हेलीकॉप्टर से गिरकर मौत हो गई। रविवार को बचाए गए लोगों में सोमवार को पथरड्डा, सारठ निवासी सुमंती देवी (40) की मौत हो गई जबकि एक बच्ची समेत तीन की हालत बेहद गंभीर है। घायलों में अधिकांश लोग बिहार के हैं। आज शाम एयरलिफ्ट के दौरान स्लिप कर जाने से एक व्यक्ति की गिरकर मौत होने की पुष्टि सदर अस्पताल प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. दिवाकर पासवान ने की है।
गौरतलब हो कि देवघर जिले के त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे के यूटीपी स्टेशन का रोलर रविवार को अचानक टूट गया। इसके बाद रोप-वे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं। सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें पांच लोग सवार थे। स्थानीय लोगों और रोप-वे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला। हादसे के दौरान ट्रॉलियों में 48 लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकालने में भारतीय वायुसेना, एनडीआरएफ समेत अर्द्धसैनिक बलों की टीम सोमवार को दिन भर जुटी रही।
एनडीआरएफ की टीम ने रविवार की रात रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करके 12 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया था। रात होने की वजह से ऑपरेशन बंद करना पड़ा था। सोमवार सुबह से आईटीबीपी और एनडीआरएफ के साथ वायु सेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थी। वायु सेना ने दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्य में लगाया, जहां 48 लोग दुर्घटना के कारण रोपवे ट्रॉली में फंसे थे। वायु सेना के हेलीकॉप्टर से हवा में लटके लोगों तक बिस्किट और पानी के पैकेट पहुंचाए गए। फंसे हुए लोगों को निकालने में तेज हवा चलने की वजह से दिक्कतें आईं।