रांची। शहर के रानी चिल्ड्रन अस्पताल में सोमवार को एक चार वर्ष के बच्चे की मौत पर परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। हजारीबाग जिले के रहने वाले मासूम सक्षम पांडेय को 18 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने जांच के लिए मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग की। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने परिजनों को शांत कराते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
परिजनों का आरोप है कि बच्चे के इलाज के लिए आईबीआईजी नामक इंजेक्शन मंगाए गए, जिसकी कीमत एक लाख रूपए है। इंजेक्शन देने का अंतराल 48 से 60 घंटे है, लेकिन सभी इंजेक्शन 6 घंटे के अंदर दे दिया गया और बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि इंजेक्शन बार-बार देने से मना करने पर भी इंजेक्शन दे दिए गए। उन्होंने प्रबंधन पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि 10 दिन में 5 लाख खर्च कराए गए हैं। हंगामा की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर हर हाल में कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पुलिस के द्वारा संपर्क करने पर प्रबंधन की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय हो कि इसके पूर्व 16 मार्च को बच्चे को फीवर आने पर उसका इलाज हजारीबाग के स्थानीय डॉक्टर मनोज जैन से कराया गया। डॉ. मनोज ने परिजनों को बताया था कि थोड़े दिन में बच्चे की तबीयत ठीक हो जाएगी। लेकिन बच्चे का बार-बार आंख से आंसू आने से परिवार वाले 18 मार्च को रानी चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती कराया था।