भोजपुर। सोन की धारा को मोड़ने के आरोप में बालू ठेकेदारों पर की गई कार्रवाई के बावजूद नदी की धार खाली नहीं हुई है। वहीं अवैध तरीके से बालू निकासी के कारण बड़े खतरे की आशंका के साथ-साथ नदी के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है।
जानकारी अनुसार कोईलवर थाना क्षेत्र के बहियारा सोन नदी के बालू घाट की स्थिति भयावह है। यहां सोन नदी के बीच धार को बंद कर बालू निकासी के लिए जेसीबी और पोकलेन खड़े कर दिए गए हैं। विभागीय नियमों की धज्जी उड़ाते हुए मापदंडों से अधिक गहराई कर बालू की निकासी हो रही है। कई जगहों पर सोन की मुख्यधारा को मोड़ दिया गया है , जिसके कारण धार जल विहीन हो गया है। जलधारा को बांध कर सड़क बना दिया गया है। दूसरी ओर नदी में होकर गुजरी 25 हजार किलोवाट की हाईटेंशन तार के खंभे व पिलर के अगल-बगल से बालू की कटाई होने से इसके गिरने की आशंका भी है। जिससे बड़े खतरे बढ़ सकते हैं।
भोजपुर जिले में सोन नदी से बालू निकालने के लिए फिलहाल 34 बालू घाटों की नीलामी हुई है। जहां बालू के ठेकेदारों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सोन नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इनमें से 12 बालू घाटों की समय सीमा 26 व 27 मार्च को खत्म हो रही है। जिले के बाकी बचे बालू घाटों की समय सीमा 31 मार्च को खत्म हो जाएगी। निरीक्षक अनूप त्रिपाठी ने शनिवार को बताया कि सोन नदी की धार रोककर बालू की अवैध निकासी करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा के आदेश के बाद सदर एसडीपीओ, एसडीओ सहायक खनन पदाधिकारी व सोन नदी के इलाके से संबंधित थानों के थानाध्यक्ष बालू घाटों पर सतत निगरानी व छापेमारी अभियान चलाने में जुटे हैं। किंतु उनके लाखों प्रयास को विफल करते हुए बालू के ठेकेदार सोन नदी के अस्तित्व को मिटाकर काली कमाई करने में निर्भीक होकर लगे हैं। बालू के अवैध निकासी से सोन नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है और भोजपुर के लोग अब इस बात को लेकर चिंता करने लगे हैं कि कहीं सोन नदी का अस्तित्व ही न समाप्त हो जाए। अगर बालू की अवैध निकासी के लिए सोन नदी की जलधारा को समाप्त करने से नहीं रोका गया, तो आने वाले दिनों में पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन को भारी खतरे का सामना करना पड़ सकता है। वही पशु पक्षियों के लिए पानी की समस्या बढ़ सकती हैं। हरे भरे पेड़ पौधे को खतरा होगा और पुराने शाहाबाद के लिए लाइफलाइन माने जाने वाले सोन नदी का वजूद समाप्त होने के कगार पर पहुंच जाएगा।