नवादा। मंडल कारा के अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया है। बताया जाता है कि कारा में बंद विचाराधीन कैदी गुड्डू सिंह की मौत से जुड़े मामले में उनकी लापरवाही सामने आने के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई है। वहीं जेल अधीक्षक संघ ने हाईकोर्ट में निलंबन को चुनौती देने की बात कही है।
जानकारी अनुसार सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती व एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद ने विचाराधीन कैदी की मौत के लिए कारा अधीक्षक को जिम्मेवार ठहराया है। एसडीएम ने मामले की जांच के दौरान कैदी की कारा में ही पिटाई की बात कहते हुए कारा अधीक्षक पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। यह भी उल्लेखनीय रहेगी सेंट्रल जेल गया के अधीक्षक ने अपनी जांच में मंडल कारा अधीक्षक को निर्दोष बताते हुए कहा है कि विचाराधीन कैदी को गिरफ्तारी के समय ही पिटाई की गई थी , जिससे उसके शरीर पर कई निशान भी पाए गए और जेल में चिकित्सक नहीं रहने के कारण कैदी का इलाज नहीं हो सका।बताया जाता है कि जेल मैनुअल के अनुसार जेल में मौत के मामले में न्यायिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का प्रावधान है। पर इस मामले में न्यायिक जांच के बिना कार्रवाई कर दी गई है।
गौरतलब हो कि 3 सितंबर को रजौली थाना क्षेत्र के धर्मपुर मोड़ पर सौदा गांव निवासी गुड्डू ने अपनी बाइक से एक बच्ची को धक्का मार दिया था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उससे पकड़ गंभीर रूप से पिटाई की थी। पिटाई के दौरान ही पुलिस पहुंचकर उसे छुड़ा कर थाने ले गई थी । जांच के क्रम में उसके पास से 40 लीटर शराब बरामद की गई थी, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। 6 सितंबर की सुबह उसे सदर अस्पताल लाया गया था, जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया था। मौत का कारण लीवर फ्रेक्चर बताया गया है। संभावना है कि ग्रामीणों की पिटाई की वजह से ही लीवर में चोट से फ्रैक्चर हुआ होगा ,जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। तभी दोषियों को सजा मिल पाएगी।