बेगूसराय। गंगा नदी पर बने सिमरिया पुल (राजेंद्र सेतु) की सुरक्षा के लिए भले ही प्रशासन ने इस पर बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है, पर यही सख्ती बेगूसराय और पटना पुलिस के लिए कामधेनु बन गई है। रात के अंधेरे में 11 बजे से सुबह 5 बजे तक पुल पर 200 से 250 से अधिक पिकअप बालू लोड कर चलती है। इससे दोनों जिलों की पुलिस को प्रत्येक माह लाखों रुपए की अवैध कमाई हो रही है। बालू लोड पिकअप के लगातार आवाजाही के कारण अन्य सवारी वाहनों और एंबुलेंस को भी महज दो किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं। जाम छुड़ाने के लिए पुलिस कहीं मुस्तैद नहीं दिखती है, पर बालू माफिया के 30 से 40 युवक डंडा लेकर अवश्य एक्टिव मोड़ पर रहते हैं।
रविवार की रात भी पूल के हाथीदाह साइड पर जाम लगी रही। इस दौरान पिकअप चालकों से पूछे जाने पर बताया गया कि लखीसराय और नवादा से ढाई सौ अधिक बालू लोड पिकअप सिमरिया पुल पार कर एनटीपीसी के समीप पहुंचते हैं और बालू को वहां स्टोर किया जाता है। फिर वहां से ट्रक पर लोड कर अन्य जगहों पर भेजा जाता है। पूल पार करने के लिए पुलिस को प्रत्येक ट्रिप में एक 100 रूपए देने पड़ते हैं। इसकी शिकायत होने पर पैसे वसूली का तरीका बदला गया है। अब चकिया ओपी की पुलिस बेगूसराय साइट के बालू मंडी में हाथीदाह थाना की पुलिस पटना साइट के बालू मंडी से प्रत्येक दिन 15 सौ रुपए लेती है। जाम में फंसे मुकेश कुमार, धर्मवीर कुमार आदि ने बताया कि वे लोग बराबर रात में पटना से लौटते हैं और हर रात जाम का नजारा रहता है।