नई दिल्ली।
पूर्वी लद्दाख में ऑपरेशन ब्लैक टॉप को दौरान शहीद हुए भारतीय सेना की विकास रेजीमेंट के कंपनी लीडर नइमा तेनजिंग का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार लेह की तिब्बती बस्ती में सोमवार को किया गया। इस मौके पर शामिल हजारो तिब्बतियों ने समुदाय के झंडे के साथ तिरंगा लेकर एक जुटता का संदेश दिया। तेजनिंग का शव लद्दाख के लेह में तिब्बती शरणार्थी बस्ती में ट्रक से लाया गया। ट्रक के पीछे वाहनो को काफिले में चल रहे लोग भारत माता की जय, विकास रेजिमेंट जिंदाबाद ओर तिब्बत देश की जय के नारे लगा रहे थे। 29-30 अगस्त की रात्रि चीनी सैनिक चुपचाप थांकुंग चोटो पर घुसपैठ करने आए थे, जहां से उन्हें खदेड़ दिया गया। स्पेशल फंटियर फोर्स की इकाई विकास रेजिमेंट ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कमांडर लीडर तेनमिंग की जान उस समय चली गई जब उन्होंने चुशुल के शुरंग हिल में एक बारूदी सुरंग पर कदम रखा था। यह बारूदी सुरंग सन 1962 में युद्धि के दौरान बिछायी गई थी। अंतिम संस्कार के पूर्व सेना ने मातमी धुन बजाई और गन फायर कर सलामी दी। बांध धर्म के रीति रिवाजो से बौद्ध मंत्रो के बीच शहीद को मुखाग्नि दी गई।
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