नालंदा। बिहार में शराबबंदी को लेकर चलाए जा रहे अभियान के बावजूद शराब पर रोक नही लग पा रही है। वहीं आए दिन जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है। ताजा मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का है। जहां संदिग्ध हालत में छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों का दावा है कि सभी की मौत जहरीली शराब के चलते हुई है। वही दो लोगों की गंभीर हालत में इलाज एक निजी क्लीनिक में चल रहा है।
जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया । पुलिस प्रशासन मामले की जांच में जुटी है। मामला जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र के छोटी पहाड़ी और पहाड़तल्ली मोहल्ले की है। मृतकों में भागों मिस्त्री 55 वर्ष, मन्ना मिस्त्री 55 वर्ष, धर्मेंद्र उर्फ नागेश्वर 50 वर्ष, कालीचरण 50 वर्ष व मानकपुर थाना के प्रभु बिगहा के रामरूप चौहान और शिवजी चौहान शामिल है। हालांकि अभी तक जहरीली शराब पीने से मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है ।
परिजनों ने बताया कि शराब पीने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी और फिर शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। उन्होंने आसपास के इलाके में शराब बनाने की बात भी बताई है। थाना अध्यक्ष सुरेश प्रसाद और सदर डीएसपी डॉ शिवली नेमानी ने मौके पर पहुंचकर शनिवार को परिजनों से जानकारी ली।
मालूम हो कि बीते वर्ष 2021 में गोपालगंज , बेतिया और समस्तीपुर, नवादा में जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हुई थी। इस वर्ष 17 मौतें अब तक हो गई है। कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने शराबबंदी कानून के चलते बढ़ी मुकदमों को लेकर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि केसो ने अदालतों का दम घोट रखा है। पटना हाई कोर्ट के 14-15 जज केवल इन्हीं मामलों की सुनवाई करते हैं। दरअसल बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में उन लोगों की जमानत रद्द कराने गई थी, जिन्हें हाईकोर्ट ने बेल दे दिया था।