नई दिल्ली।
बातचीत के आड़ में चीन लगातार अपनी सैन्य लॉजिस्टिक सुविधाएं बढ़ा रहा है। चीन ने लद्दाख के पास होटन एयरबेस और तिब्बत के ल्हासा गोंगगर हवाई अड्डा का अपग्रेड कर लिया है। गोला बारूद इकट्ठा करने के लिए डिपी बनकर तैयार है। लड़ाकू विमानो को छिपाने के लिए बंकर भी बनाए गए है। इसके पीछे एलएसी और भारत के पूर्वी क्षेत्र को घेरने की तैयारी की मंशा पाले है। मालूम हो कि होटन एयरबेस भारतीय इलाके काराकोरम दर्रे से 250 किलोमीटर तथा उत्तर पूर्व में पैंगोंग झील के फिंगर-4 एरिया से 380 किलोमीटर दूर है। सेटेलाइट तस्वीरो से ल्हासा हवाइ अड्डा को अपग्रेड करने की चीनी साजिश से खुलासा हुआ है। यहां हवा से मार करने वाली मिसाइल सुविधाओं के नीवकरण करने के अलावा लड़ाकू जेट और लड़ाकू हेलीकॉप्टरो की स्थापना का भी इंतजाम किए है। ल्हसा हवाई अड्डे पर 24 लड़ाकू जेट और 12 लड़ाकू हेलीकॉप्टरो के लिए हैंगर बनाते हुए इनकी तैनाती भी कर दी है। चीन की तैयारी को देखते हुए भारत भी उतरी सीमाओं के सास्थ उन्नत लैडिंग ग्राउंड को अपग्रेड कर रहा है। पूर्व से ही अरूणाचल में निर्मित अस्थायी हवाइ क्षेत्रो का नवीकरण का कार्य तेज कर दिया है।
