बगहा। बिहार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने रविवार को बगहा व्यवहार न्यायालय के नवनिर्मित न्यायालय भवन का उद्घाटन किया। नवनिर्मित भवन में 15 न्यायालय कक्ष के साथ सुविधा केंद्र और हाजत भवन है।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने नवनिर्मित भवन के लिए सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि बिहार की न्यायिक व्यवस्था भारत में नंबर वन पर है। कोरोना के दौरान भी सबसे ज्यादा मामलों का निपटारा और केस फाइलिंग बिहार में हुआ है। इसके साथ ही पश्चिम चंपारण जिले में 90 हजार मामले लंबित होना चिंतनीय है। इन में से एक सौ से अधिक ऐसे मामले हैं, जो 30 वर्ष पुराने हैं। 500 से अधिक ऐसे केस है जो 20 वर्ष पुराने हैं। उन्होंने न्यायिक पदाधिकारी सहित पुलिस- प्रशासनिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं से इस मामले में सहयोग करने की अपील की , ताकि लोगों को न्याय मिल सके।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि गरीबों के लिए व्यवहार न्यायालय ही सबसे बड़ा कोर्ट है। लिहाजा ऐसे फैसले की जरूरत है कि उनको दूसरे न्यायालय में जाने की जरूरत ही न पड़े। जबकि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदु भूषण पांडेय ने कहा कि न्यायालय मंदिर है। यहां लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ आते हैं। लिहाजा उनकी आस्था कायम रखने की जरूरत है।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर दीपक कुमार राही ने किया। मौके पर भारी संख्या में अधिवक्ता व न्यायालय कर्मी और न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी, डीआईजी प्रवीण कुमार, डीएम कुंदन कुमार , एसपी किरण कुमार यादव मौजूद थे। मुख्य न्यायाधीश के स्वागत में थारू पारंपरिक नृत्य झमटा की प्रस्तुति हुई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी, एडीजे अविनाश पांडेय, एसीजेएम संदीप पटेल, न्यायिक पदाधिकारी सोनू कुमार, पी कुमार ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।