पटना। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शताब्दी स्तंभ का शिलान्यास किया। इसके पहले विधानसभा परिसर में बोधी वृक्ष के छोटे पौधे भी लगाए। एक साल तक चलने वाले शताब्दी समारोह की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 2400 वर्ष पूर्व एक गरीब महिला मुरा के पुत्र चंद्रगुप्त मौर्य को मगध सम्राट बनाने से लेकर इमानदारी के प्रति जन नायक कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने तक इस धरती ने समतामूलक परंपराओं को स्थापित की है।
कोविंद ने बिहार में सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार की अस्मिता के लिए संघर्ष करने वाले डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा के प्रयासों के परिणाम तीन चरणों में प्राप्त हुए हैं। पहला चरण में बिहार व उड़ीसा को बंगाल से पृथक कर 1912 में दोनों राज्यों को राज्य का दर्जा मिला। जबकि दूसरे चरण में 1919 में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के अस्तित्व में आने के बाद 1921 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला है। तीसरे चरण में 1935 में यहां दो सदनो से युक्त विधायिका का गठन हुआ और डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा का सपना पूरा हुआ।
राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ दिनों बाद देशवासी दीपावली और छठ का त्यौहार मनाएंगे। छठ पूजा अब ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यूजर्सी और बेगूसराय से बोस्टन तक यह पर्व फैल चुका है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमियों ने विश्व स्तर पर स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि राजपाल के कार्यकाल के दौरान मुझे सभी वर्गों से भरपूर स्नेह मिला। राष्ट्रपति ने कहां की हम सब 75वें स्वतंत्रता दिवस का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। भगवान बुद्ध ,भगवान महावीर और गुरु गोविंद सिंह की यह आध्यात्मिक भूमि रही है। मौके पर राज्यपाल फागू चौहान, सीएम नीतीश कुमार, विधानसभा और विधान परिषद अध्यक्ष सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।