.प्रधानमंत्री ने भी घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों को दो लाख एवं घायलों को ₹50 हजार की वित्तीय मदद का किया ऐलान
कोलकाता।
कोलकाता के स्ट्रैंड रोड स्थित पूर्व रेलवे के मुख्यालय में आग लगी में झुलस कर 9 लोगों की मौत हो गई पुलिस टॉप आग लगी की घटना सोमवार शाम की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतक के परिजनों को ₹10 लाख और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। इसके तहत मृतक के घर वालों को ₹2 लाख तथा घायलों को ₹50 हजार की वित्तीय मदद दी जाएगी। जबकि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए रेलवे के 4 विभागों के प्रमुख के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया है।
आग बुझाने में दमकल को करनी पड़ी कई घंटों मशक्कत
स्ट्रैंड रोड के कोलाघाट स्थित रेलवे के 13 मंजिला इमारत में लगी आग को बुझाने में दमकल कर्मियों को 10 घंटे से अधिक समय तक मशक्कत करनी पड़ी। अगलगी की सूचना के बाद अग्निशमन विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची। मौके पर रेलवे के महाप्रबंधक समेत अन्य आला अधिकारी भी मौजूद थे। शाम 6 बजे लगी आग में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश तत्काल शुरू की गई। रेलवे के डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर पार्थसारथी मंडल और उनकी सुरक्षा में तैनात रहने वाले आरपीएफ कर्मी संजय साहनी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं फंसे लोगों को निकालने के क्रम में आरपीएफ के एक अन्य कर्मी उत्पल आचार्य भी आग की चपेट में आ गए और उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा आग बुझाने के दौरान लिफ्ट में फंस जाने के कारण चार दमकल कर्मियों की भी मौत हो गई। जिसकी पहचान गिरीश दे, गौरव बेज, अनिरुद्ध जाना व विमान पुरकायत के रूप में की गई है। इसके अलावा अन्य कई दमकल कर्मियों का भी दम घुट गया। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लगभग 10 घंटे की मशक्कत के बाद मंगलवार सुबह 4:30 बजे आग पर काबू पाया जा सका।
आग बुझाने में लिफ्ट का प्रयोग किए जाने पर उठे सवाल
रेलवे मुख्यालय के तेरहवीं मंजिल पर लगी आग को बुझाने के लिए दमकल कर्मियों द्वारा लिफ्ट का इस्तेमाल किए जाने पर सवाल उठने लगे हैं। स्टेंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आग बुझाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाना है। बावजूद अग्निशमन कर्मियों द्वारा इस तरह का निर्णय लिए जाने पर रेलवे विभाग द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया है।