.बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब से मर रहे लोग – अजीत शर्मा
पटना। होली के दौरान बिहार के अलग-अलग जिलों में जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत व कई के बीमार होने की घटना ने सूबे में सुशासन व शराबंदी की पोल खोल दी है। भागलपुर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के साहेबगंज मोहल्ले से संदिग्ध हालत में 5 लोगों की मौत होने से रविवार को स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। घटना के विरोध में आक्रोशित लोगों ने सुबह से साहेबगंज-भागलपुर सड़क जाम कर दिया। लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सड़क जाम की सूचना पर कई थानों की पुलिस अधिकारी पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग टस से मस नहीं हुए। अंततः एसडीओ और डीएसपी के समझाने के बाद 4 घंटे के बाद जाम हटाया। इस बीच नारायणपुर में एक व्यक्ति की मौत शनिवार की शाम, जबकि दूसरे की मौत रविवार की सुबह हो गई। इस तरह मौत का आंकड़ा 7 तक पहुंच गया। जबकि 4 लोगों का अस्पताल में इलाज चलने की बात सामने आई है।
विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के साहेबगंज मोहल्ले में चार लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने रविवार को कहा कि भागलपुर के साहेबगंज मोहल्ले के रहने वाले गौरव कुमार ने तीन थानों को फोन कर शराब की सूचना दी। तब अलग थाना क्षेत्र का मामला बताकर तीनों थाना ने इससे पल्ला झाड़ लिया। वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा भी फोन नहीं उठाया गया, तो समझा जा सकता है कि बिहार में शराबबंदी का क्या हाल है। उन्होंने कहा कि बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब से मौत हो रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन के लोगों की मिलीभगत से राज्य में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है। विधायक दल के नेता ने मुख्यमंत्री से बिहार में शराबबंदी खत्म कर शराब को ऊंचे दामों पर बिक्री किए जाने की मांग की है। जिससे बिहार का भी विकास होगा और जहरीली शराब से मौत भी रुकेगी। विधायक ने लापरवाह पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी ओर मधेपुरा जिले के मुरलीगंज इलाके में चार लोगों की संदिग्ध मौत हो गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक शनिवार की रात होली में जहरीली शराब पीने से 22 लोग बीमार हो गए, जिन्हें मुरलीगंज पीएचसी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जहां शनिवार की रात ही 4 लोगों की मौत हो गई। इसमें 3 दिग्धी गांव के और एक मुरलीगंज मुख्य बाजार के वार्ड नंबर 9 के निवासी है। हालांकि पुलिस और परिजन शराब से मौत की बात से इंकार कर रहे हैं। लेकिन हर शव को आनन-फानन में रात के अंधेरे में ही जला दिया गया। इससे लोगों में खौफ है। पूरे शहर में शव जलाने की चर्चा है। अन्य बीमार लोगों का कहां इलाज हो रहा है इसकी जानकारी नहीं मिली है।
झारखंड की सीमा से सटे बांका जिला के अलग-अलग गांवों में भी रविवार को 8 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मौत की घटना जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव में हुई है। सभी लोगों में एक जैसा लक्षण दिखाई देने की बात सामने आई है। सभी पेट दर्द, उल्टी और आंखों की रोशनी चले जाने की शिकायत कर रहे थे। इस मामले में प्रशासन कुछ भी बोलने से कतरा रहा है। जबकि मृतकों के परिजनों ने शराब सेवन की बात स्वीकार की है। छह लोगों का इलाज भागलपुर के विभिन्न निजी अस्पतालों में चल रहा है।
जानकारी अनुसार मृतकों में अमरपुर बाजार के रघुनंदन पोद्दार 60 वर्ष, कामदेवपुर के राजा तिवारी 29 वर्ष, औड़ैया गांव के संजय शर्मा 26 वर्ष, डुमरामा के सुमित आशीष, पवई के राजू मंडल 50 वर्ष, डुमरिया के राहुल कुमार 22 वर्ष व आशीष कुमार 25 वर्ष के अलावा गोंड्डा जिले के विजय साह जो बल्लिकिता गांव में समधी के घर आए थे , शामिल है। जबकि निजी अस्पतालों में डुमरिया के तीन युवक व विशंभरचक और बल्लिकिता के लोग इलाजरत है। इन्हें उल्टी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।