जैन धर्मावलम्बियों का 10 लक्षण पर्युषण महापर्व हर्षोल्लास के साथ रविवार से शुरु हो गया। जैन धर्म में “पर्यूषण” महापर्व का विशेष महत्व है। महापर्व के दौरान जैन धर्मावलम्बी विशेष आराधना कर आत्मशुद्धि करते हैं। 23 अगस्त से प्रारम्भ आत्मशोधन का यह पावन महापर्व “पर्यूषण” आगामी 3 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान रविवार से क्रमवार उत्तम क्षमा धर्म, उत्तम मार्दव धर्म, उत्तम आर्जव धर्म, उत्तम शौच धर्म, उत्तम सत्य धर्म, उत्तम संयम धर्म, उत्तम तप धर्म, उत्तम त्याग धर्म, उत्तम आकिंचन्य धर्म और उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की विशेष आराधना की जाएगी। महापर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म के रुप में मनाया गया। मास की शुक्ल पक्ष पंचमी से शुरू होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष प्रथमा तक आयोजित होने वाले पावन महापर्व के दौरान 28 अगस्त को सुगंधदशमी और 1 सितम्बर को अनंतचतुर्दशी व्रत व भगवान वासुपूज्य निर्वाणोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। वहीं 3 सितम्बर को क्षमावाणी पर्व पर गत एक वर्ष के दौरान हुए भूलों के लिए एक दूसरे से क्षमायाचना के साथ इस “पर्यूषण” महापर्व का समापन होगा। कारोना संक्रमण को देखते हुए इस बारजैन धर्मावलम्बी आराधना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा-पूरा ख्याल रखते हुए घरों में ही महापर्व को मना रहे है। वहीं महापर्व को लेकर जैन मंदिरों को आर्कषक ढंग से सजाया गया है।